पार्षद पर हमले में डिप्टी जेलर की कार का इस्तेमाल Prayagraj News
डिप्टी जेलर कई साल पहले नैनी सेंट्रल जेल में सिपाही के पद पर तैनात थीं तो उसी समय महिला अपराधी मुंडी पासी से उसकी दोस्ती हो गई थी। मुंडी हमले की मुख्य आरोपित है।
प्रयागराज, जेएनएन । धूमनगंज के गढ़वा में भाजपा पार्षद शिव कुमार पर बमबाजी और फायरिंग करने वाले बदमाशों ने हमले में कानपुर में तैनात महिला डिप्टी जेलर की कार का इस्तेमाल किया था। गढ़वा में जब पार्षद पर गोलियां-बम बरसाए गए थे तो वहां लावारिस हालत में सफेद रंग की स्विफ्ट कार मिली थी। पुलिस मान रही है कि हमलावर इसी कार से आए थे। कार का नंबर ट्रेस हुआ तो पुलिस होश उड़ गए। कार कानपुर में तैनात महिला डिप्टी जेलर के नाम है। डिप्टी जेलर कई साल पहले नैनी सेंट्रल जेल में सिपाही के पद पर तैनात थीं तो उसी समय महिला अपराधी मुंडी पासी से उसकी दोस्ती हो गई थी। मुंडी हमले की मुख्य आरोपित है। ऐसे में पुलिस डिप्टी जेलर को साजिश का आरोपित बनाने की तैयारी में है। इसकी शिकायत शासन और जेल प्रशासन तक की गई है।
पांच जुलाई की रात धूमनगंज थाना क्षेत्र के गढ़वा इलाके में भाजपा पार्षद शिव कुमार और उनके भतीजे मनीष पर आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने हमला कर ताबड़तोड़ फायरिंग और बमबाजी की थी। गोली लगने से शिव कुमार और मनीष जख्मी हुए थे। हमलावर तो भाग गए थे लेकिन घटनास्थल पर सफेद रंग की स्विफ्ट कार मिली थी। पूछताछ में पता चला कि हमलावर इसी कार से आए थे। पुलिस ने कार को ट्रेस किया तो चौकाने वाली जानकारी मिली। उक्त डिप्टी जेलर कई साल पहले नैनी सेंट्रल जेल में कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। बाद में उसका तबादला कौशांबी जेल हो गया था। परीक्षा देकर वह डिप्टी जेल बन गई।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नैनी जेल में तैनाती के दौरान कांस्टेबल और मुंडी में गहरी दोस्ती हो गई थी। बाद में भी दोनों में रिश्ते बने रहे। डिप्टी जेलर अभी भी कौशांबी जेल परिसर में बने आवास को लिए हुए हैं। पुलिस को शक है कि मुंडी पासी ने उनकी कार का इस्तेमाल किया। पुलिस साक्ष्य जुटाकर उनके खिलाफ भी 120 बी का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है। पुलिस की एक टीम कानपुर जेल पहुंची थी लेकिन डिप्टी जेलर नहीं मिलीं। मामले में मुंडी पासी, रोहित, आशीष पासी, सुनील, त्रिलोकी पर 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित है।
सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह ने बताया कि कार कानपुर जेल में तैनात डिप्टी जेलर की है। वह पहले नैनी सेंट्रल जेल में कांस्टेबल थीं। हमले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। एक टीम कानपुर पूछताछ के लिए गई थी लेकिन डिप्टी जेलर नहीं मिलीं। आरोपितों के पकड़े जाने पर डिप्टी जेलर की भूमिका साफ हो सकेगी।