पुलिस ने मांगी डेली ट्रांजेक्शन और क्लोजिंग बैलेंस रिपोर्ट
पुलिस ने बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से रुपये चोरी जाने के मामले में जांच तेज कर दी है। पुलिस मामले की जांच में सक्रियता से जुटी है।
By Edited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 07:40 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 11:06 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन : पुलिस ने बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से रुपये चोरी जाने के मामले में बैंक प्रबंधन से एक साल की डेली ट्रांजेक्शन और क्लोजिंग बैलेंस रिपोर्ट मांगी है। अभी आतंरिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट ही मिली है। धूमनगंज पुलिस ने मामले में करेंसी चेस्ट अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले की विवेचना यूं तो एसआइ सियाकांत चौरसिया को सौंपी गई है, पर सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह खुद दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे हैं। करेंसी चेस्ट रूम में किसको किसको जाने की इजाजत थी? इसकी जानकारी बैंक वालों से ली जा रही है। बैंक प्रबंधक, कैशियर, करेंसी चेस्ट अधिकारी समेत अन्य कर्मचारियों का बयान दर्ज करने की तैयारी है। सीओ का कहना है कि चेस्ट में कितने रुपये बचे, इसकी रिपोर्ट हर रोज तैयार होती है। महीने पर बैंक अधिकारी खुद ऑडिट कर रिपोर्ट आगे भेजते हैं। ऐसे में करेंसी चेस्ट अधिकारी रुपये निकालता रहा और अन्य अधिकारियों को यह कैसे पता नहीं चला, यह अचरज भरा है। डेली कैश की निकासी के मिलान के लिए चेस्ट में लगे सीसीटीवी को भी खंगाला जाएगा। सभी कैमरों की रिकार्डिग पुलिस हासिल करेगी। चेस्ट में आने जाने वालों की गतिविधियां उससे पता चलेंगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कागजातों का मिलान, जांच करने के बाद बयान दर्ज होगा। फिर शक के दायरे में आए अधिकारियों से कड़ाई से पूछताछ होगी। आरोपित करेंसी चेस्ट अधिकारी निलंबित: बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम को निलंबित कर दिया गया है। बैंक के जोनल कार्यालय ने निलंबन की यह कार्रवाई शनिवार को ही कर दी थी। हालांकि इस बारे में भी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक ने कुछ नहीं बोला। वशिष्ठ राम यहां तीन साल से तैनात थे। उन्होंने चोरी गई रकम कितने समय में और कितनी बार में निकाली, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है,लेकिन माना जा रहा है कि यह रकम साल भर के अंदर निकाली गई है। करेंसी चेस्ट की निगरानी क्या सिर्फ करेंसी चेस्ट अधिकारी के हवाले होती है? अथवा उसकी जांच वरिष्ठ शाखा प्रबंधक एवं अन्य अफसर भी करते हैं? इस पर वरिष्ठ शाखा प्रबंधक का इतना भर कहना था कि यह जिम्मेदारी सिर्फ चेस्ट अफसर की होती है। आम दिनों की भांति काम: इस बैंक शाखा में सोमवार को सामान्य दिनों की तरह लेनदेन होता रहा। अलबत्ता मुख्यालय की टीम पहुंचने के बाद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बीच-बीच में पूछताछ के लिए बुलाया जाता रहा।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें