अंतरराज्यीय रोडवेज बस अड्डा सिविल लाइंस से यात्री सुविधाएं नदारद Prayagraj News
अंतरराज्यीय रोडवेज बस डिपो सिविल लाइंस में यात्री सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। साफ सफाई के नाम पर हर तरफ गंदगी ही नजर आती है।
By Edited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 07:20 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 10:44 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। रोडवेज के सिविल लाइंस बस अड्डे से तीन डिपो संचालित होते हैं और यह अंतरराज्यीय स्तर का है। यहां से 700 से अधिक बसें उप्र सहित अन्य राज्यों के लिए चलती हैं लेकिन, यात्री सुविधा के नाम पर यहां अव्यवस्थाएं हावी हैं। हर तरफ गंदगी, प्लेटफार्म पर यात्रियों के बैठने की जगह मोटरसाइकिलों की अवैध पार्किंग और पेयजल की समुचित व्यवस्था भी नहीं। व्यवस्थाओं में फौरी सुधार की बजाए रोडवेज यहां पीपीपी मॉडल पर विकास के इंतजार में बैठा है।
बस अड्डों पर यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है
सिविल लाइंस के मुख्य बस अड्डे पर सिविल लाइंस डिपो, प्रयाग और लीडर रोड डिपो संचालित होते हैं। जीरो रोड डिपो शहर के जीरो रोड पर है। इन सभी बस अड्डों पर यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। यहां प्लेटफार्म तो हैं लेकिन, बसें ऐसी जगह खड़ी होती हैं कि यात्रियों को उन्हें ढूंढना पड़ता है। प्लेटफार्म संख्या पांच पर यात्री शेड में कुछ कुर्सियां ही लगी हैं और प्लेटफार्म छह व नौ के शेड में जगह-जगह गंदगी बिखरी रहती है। इन प्लेटफार्म पर अवैध रूप से गाड़ियों की पार्किंग भी होती है। रविवार को हुई बारिश में इस प्लेटफार्म पर कई जगह पानी टपकता रहा।
जीरो रोड बस अड्डे पर भी यात्री सुविधाओं का अभाव
कुछ यही हाल जीरो रोड बस अड्डे का भी है। वहां से भी उप्र के विभिन्न जिलों और मध्य प्रदेश के लिए बसें चलती हैं। लेकिन, यात्री सुविधाओं के नाम पर धेला भर भी नहीं। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को सरकार ने सार्वजनिक-निजी सहभागिता(पीपीपी मॉडल) के आधार पर विकसित करने की तैयारी में है। इसके लिए निविदा भी निकाली जा चुकी है। सूची में जीरो रोड और सिविल लाइंस बस अड्डा भी शामिल है। इसका टेंडर होने तक वहां कोई बदलाव नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि यात्री शेड भी हैं और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। साफ सफाई नियमित रखने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं।
बस अड्डों पर यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है
सिविल लाइंस के मुख्य बस अड्डे पर सिविल लाइंस डिपो, प्रयाग और लीडर रोड डिपो संचालित होते हैं। जीरो रोड डिपो शहर के जीरो रोड पर है। इन सभी बस अड्डों पर यात्रियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। यहां प्लेटफार्म तो हैं लेकिन, बसें ऐसी जगह खड़ी होती हैं कि यात्रियों को उन्हें ढूंढना पड़ता है। प्लेटफार्म संख्या पांच पर यात्री शेड में कुछ कुर्सियां ही लगी हैं और प्लेटफार्म छह व नौ के शेड में जगह-जगह गंदगी बिखरी रहती है। इन प्लेटफार्म पर अवैध रूप से गाड़ियों की पार्किंग भी होती है। रविवार को हुई बारिश में इस प्लेटफार्म पर कई जगह पानी टपकता रहा।
जीरो रोड बस अड्डे पर भी यात्री सुविधाओं का अभाव
कुछ यही हाल जीरो रोड बस अड्डे का भी है। वहां से भी उप्र के विभिन्न जिलों और मध्य प्रदेश के लिए बसें चलती हैं। लेकिन, यात्री सुविधाओं के नाम पर धेला भर भी नहीं। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन का कहना है कि उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम को सरकार ने सार्वजनिक-निजी सहभागिता(पीपीपी मॉडल) के आधार पर विकसित करने की तैयारी में है। इसके लिए निविदा भी निकाली जा चुकी है। सूची में जीरो रोड और सिविल लाइंस बस अड्डा भी शामिल है। इसका टेंडर होने तक वहां कोई बदलाव नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि यात्री शेड भी हैं और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। साफ सफाई नियमित रखने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें