ड्यूटी एलॉटमेंट साफ्टवेयर से दुरुस्त रहेगी रोडवेज सेवा, यात्री जानें खूबी Prayagraj News
रोडवेज बस चालकों की ड्यूटी में अब गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। इसे दुरुस्त रखने के लिए ड्यूटी एलॉटमेंट साफ्टवेयर के जरिए अब स्लिप निकलेगी। प्रयागराज परिक्षेत्र में भी शुरू होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। रोडवेज की अब न तो अनफिट बसें सवारियां लेकर चल सकेंगी न ही ड्राइवर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चला सकेंगे। ड्राइवर की समय से उपस्थिति में भी अब कोई घालमेल नहीं हो सकेगा। यह सब संभव बनाएगा रोडवेज का 'ड्यूटी एलॉटमेंट साफ्टवेयर'। रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र में इसकी शुरुआत इसी सप्ताह जीरो रोड बस अड्डे से होगी। लखनऊ रीजन के बाद अब प्रयागराज में इस साफ्टवेयर का प्रयोग होने जा रहा है।
ड्राइवरों की ड्यूटी स्लिप मैनुअल बनाने में मानक की अनदेखी हो रही
उप्र सड़क राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) में अभी तक ड्यूटी स्लिप मैनुअल बनाई जा रही है। कई ऐसे ड्राइवरों को बसें सौंप दी जाती हैं जिनके पास या तो ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होते या फिर लाइसेंस की वैधता समाप्त हो चुकी होती है। ड्राइवर की उपस्थिति के समय, बसों की फिटनेस तथा रूट पर चलने में दूरी दर्ज करने में भी खूब गड़बड़ी होती है। इस पर अब जल्द ही लगाम लगने वाली है। रोडवेज प्रयागराज परिक्षेत्र में क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से बनाई गई योजना के अनुसार ड्यूटी एलॉटमेंट साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसे जीरो रोड बस अड्डे पर ड््यूटी क्लर्क के कंप्यूटर में अपलोड किया जा चुका है। बसों का नंबर, ड्राइवर तथा कंडक्टरों का डेटा दर्ज किया जा रहा है।
कुछ भी कमी रह गई तो कंप्यूटर से नहीं निकलेगी ड्यूटी स्लिप
अब जो ड्यूटी स्लिप अभी तक मैनुअल बनती थी वह अब कंप्यूटर से निकलेगी। ड्यूटी क्लर्क किसी ड्राइवर की बस ले जाने की ड्यूटी लगाते समय उसका नाम, बस का नंबर जैसे ही कंप्यूटर पर दर्ज करेगा तो स्क्रीन पर ड्राइवर के नाम सहित उसके ड्राइविंग लाइसेंस का ब्यौरा, बस नंबर, फिटनेस, संबंधित स्टापेज की दूरी तथा अन्य बिंदुओं पर भी विवरण प्रदर्शित होगा। ड्राइविंग लाइसेंस न होने, वैधता खत्म होने तथा गाड़ी की फिटनेस की तारीख खत्म हो जाने की दशा में कंप्यूटर से ड्यूटी स्लिप नहीं निकल सकेगी।
लखनऊ रीजन के बाद अब प्रयागराज में इसकी शुरूआत होगी : बिसेन
रोडवेज के प्रयागराज रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन कहते हैं कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में बस अड्डों पर ऐसे साफ्टवेयर की व्यवस्था नहीं है। अभी यह सिर्फ लखनऊ रीजन में ही है। प्रयागराज में जीरो रोड से इसकी शुरुआत हो रही है। साफ्टवेयर से रोडवेज को कई लाभ मिलेंगे और यात्रियों की सुरक्षा भी हो सकेगी।