बिना टेंडर सड़क निर्माण में अनियमितता की जांच शुरू, नोटिस जारी Prayagraj News
32 किमी की सड़क बनाने में 21 किमी तक सड़क का टेंडर हुआ जबकि 11 किमी तक सड़क का काम बिना टेंडर के करा दिया गया। दो करोड़ रुपये का भुगतान भी हो गया। जांच शुरू हुई है।
प्रयागराज, जेएनएन। मेजा रोड से खीरी तक 32 किमी सड़क निर्माण में मनमानी के मामले में जांच शुरू हो गई है। निलंबित अवर अभियंता महेंद्र सिंह के साथ ही एक्सईएन आरबी राम व सहायक अभियंता बीपी यादव को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है। दूसरी ओर, चीफ इंजीनियर के आवास का घेराव करने के मामले में उठाए गए ठेकेदार ध्यान सिंह को छोड़े जाने के लिए ठेकेदार कल्याण समिति ने विभाग के उच्चाधिकारियों से वार्ता की है।
पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड ने मेजारोड-कोहड़ार-खीरी तक सड़क निर्माण किया
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड ने मेजारोड से कोहड़ार और उसके आगे खीरी तक सड़क का 32 किमी तक निर्माण कार्य कराया। इसमें 21 किमी तक सड़क का टेंडर हुआ जबकि 11 किमी तक सड़क का काम बिना टेंडर के करा दिया गया। इसका लगभग दो करोड़ रुपये का भुगतान भी हो गया। मामला शासन तक पहुंचा तो प्रमुख अभियंता वीके सिंह ने अवर अभियंता महेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया।
इंजीनियरों की भूमिका की जांच कर रहे मीरजापुर के चीफ इंजीनियर
एक्सईएन आरबी राम तथा एई बीपी यादव के खिलाफ जांच बैठा दी। दोनों इंजीनियरों की भूमिका की जांच मीरजापुर के चीफ इंजीनियर ने शुरू कर दिया है। उन्होंने एक्सईएन, जेई और एई को नोटिस देकर दो दिन के अंदर जवाब मांगा है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-एक के एक्सईएन एके द्विवेदी ने फाइलें मंगाई है। उन्हें साक्ष्य जुटाने के लिए कहा गया है।
अवर अभियंता को बहाल कराए जाने की मांग की गई
दूसरी ओर, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने लखनऊ में विभाग के उच्चाधिकारियों से अवर अभियंता को बहाल कराए जाने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष श्रीराम सिंह व क्षेत्रीय मंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि दोनों जेई इस मामले में दोषी नहीं है। उधर, ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष सुदामा सिंह ने बताया कि ठेकेदार ध्यान सिंह को छोड़े जाने के लिए पुलिस तथा पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से वार्ता हुई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को ठेकेदार चीफ इंजीनियर हिमांशु मित्तल से उनके आवास पर वार्ता करने के लिए गए थे, उसी मामले में ध्यान सिंह को पुलिस ने उठाया है।