एसटीएफ ने शुरू की अवैध नेटवर्किंग मामले की जांच
नेपाल में अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला था कि राशिद ने साइन ग्रुप इंटरनेशनल नाम से फर्जी कंपनी खोली थी। खुद को हीरा व आभूषण कारोबारी बताकर रियल एस्टेट में पैसा निवेश कराता था।
प्रयागराज : नेपाल में अवैध कारोबार के लिए नेटवर्किंग चलाने का भंडाफोड़ होने के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच शुरू कर दी है। नेपाल पुलिस ने पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबी राशिद नसीम, मो. सरजील समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। राशिद नसीम के खिलाफ प्रयागराज में जमीन के नाम पर धोखाधड़ी करने के कई मुकदमे हैं।
नेपाल में अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला था कि राशिद ने साइन ग्रुप इंटरनेशनल नाम से फर्जी कंपनी खोली थी। खुद को हीरा व आभूषण कारोबारी बताकर रियल एस्टेट में पैसा निवेश कराता था। निवेशकों की चेन यानी नेटवर्किंग बनाने के मकसद से तीन सौ नेपालियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण में बताया जा रहा था कि कितना पैसा लगाने पर कितने दिनों में रकम दोगुनी हो जाएगी। निवेशकों की रकम विदेश भी भेजी जाती थी। कंपनी का मुख्यालय सऊदी अरब था, जबकि लखनऊ, दिल्ली, समेत कई शहरों में छोटे दफ्तर भी खोले गए थे। छानबीन में सब फर्जी पाया गया है।
कई शहरों में चल रहा नेटवर्क:
यह भी कहा जा रहा है कि इस अवैध कारोबार का मास्टर माइंड प्रयागराज से वांछित राशिद नसीम था। वह मो. सरजील, लखनऊ के सुनील उपाध्याय, कासिफ, गजेंद्र कुमार, नई दिल्ली के रमेश समेत अन्य कई शहरों के युवकों के साथ नेटवर्क चला रहा था। एसटीएफ अब इस बात की तस्दीक कर रही है कि राशिद नसीम ने प्रयागराज और आसपास के जिले के कितने लोगों से धोखाधड़ी की है। यहां दफ्तर चलाने वाले कौन-कौन लोग थे और उनकी क्या भूमिका थी। बीते साल एसटीएफ ने अतीक के करीबी साइन सिटी के मालिक राशिद निवासी करेली के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। कई के खिलाफ करेली व धूमनगंज थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। एडिशनल एसपी एसटीएफ नीरज पांडेय का कहना है कि राशिद और उसके साथियों के अवैध कारोबार के बारे में छानबीन की जा रही है। सच्चाई का पता लगाकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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