मतदाता सूची में गड़बड़ी से घट गया मतदान प्रतिशत
20 फीसद से ज्यादा मतदाता ऐसे भी थे जो बिना वोट दिए ही बूथों से मायूस होकर लौटे। क्योंकि वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था। मतदाता जागरूकता अभियान का असर नहीं दिखा।
प्रयागराज, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत घटने से जहां प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं जिला प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं। ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि प्रशासन की चूक के कारण मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ सका। मतदाता सूची में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी से करीब 20 फीसद मतदाता बूथ तक पहुंचकर भी वोट नहीं कर सके। इसके चलते मतदाता जागरूकता अभियान भी फ्लाप शो रहा।
बूथों पर तो थी भीड़ लेकिन नहीं था सूची में नाम
जिले में रविवार को वोट डाले गए। सुबह से ही बूथों पर वोटर पहुंचने लगे थे। इसमें से काफी संख्या ऐसे लोगों की भी थी जिनका खुद का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था या परिवार के सदस्यों का नाम कट गया था। कुछ लोगों के नाम के साथ उनके पिता या पति का नाम गलत छप गया था। इसके चलते वेे वोट नहीं दे पाए। कहीं पर दो लोग रहते हैं तो उस घर में फर्जी तौर पर 72 मतदाता बढ़ा दिए गए।
कई मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी तथा बीएलओ की सूची में भारी अंतर दिखा
शहर पश्चिमी के करेली, धूमनगंज, प्रीतनगर, अकबरपुर, चकिया, केसरिया गांव, बमरौली, नीवां उमरपुर, राजरूपपुर, कसारी-मसारी, कालिंदीपुरम इलाके के कई मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी तथा बीएलओ की सूची में भारी अंतर था। इस वजह से काफी संख्या में मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए। शहर दक्षिणी के मुट्ठीगंज, बैरहना, रामबाग, कीडगंज, नैनी बाजार, मीरापुर, अतरसुइया में भी काफी संख्या में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे।
यहां भी रही दिक्कत
इसी प्रकार करछना के मुंगारी, लवायन, रामपुर, धरवारा, पनासा, मेजा के सिरसा, खानपुर, परानीपुर, बिगहना, रामनगर, औंता में तो मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर शोर-शराबा भी हुआ। कोरांव के पैंतिहा, बड़ोखर, रतेवरा, छापर हरदौन, मानपुर, भोगन, संसारपुर, देवघाट, लेडिय़ारी, खीरी में सूची में गड़बड़ी को लेकर हंगामा हुआ। बारा विधानसभा क्षेत्र में भी कई मतदान केंद्रों पर हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसको देखकर मतदाता बिना वोट दिए ही वापस लौट गए।
शिकायत पर प्रशासन से कोई सुनवाई नहीं हुई
शहर उत्तरी के जार्जटाउन, टैगोर टाउन, अल्लापुर, कर्नलगंज, सलोरी, बघाड़ा, दारागंज, मम्फोर्डगंज बेली गांव में भी काफी तादाद में मतदाताओं के नाम सूची से गायब थे। अशोक नगर की तो अलग ही समस्या थी। यहां लगभग पांच हजार मतदाताओं की संख्या ही बढ़ा दी गई। जिस घर में दो मतदाता रहते हैं उनके घर में 72 फर्जी वोटर बढ़ा दिए गए। इसी तरह किसी के घर में छह तो किसी के घर में आठ फर्जी मतदाता बढ़ा दिए गए। मकान मालिकों ने इसकी शिकायत की मगर प्रशासन से कोई सुनवाई नहीं हुई। फाफामऊ, सोरांव, फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के 40 से ज्यादा गांवों में भी यही हाल रहा।
मतदान केंद्र का भी कई लोगों को संज्ञान नहीं था
दूसरी वजह यह रही कि बीएलओ की ओर से घर-घर पर्ची नहीं बांटी गई थी। इससे लोगों को मतदान केंद्र की जानकारी नहीं हो पाई। वे जब अपने परंपरागत मतदान केंद्र पर पहुंचे तो पता चला कि यहां उनका नाम नहीं है। इसकी वजह से काफी संख्या में लोग मतदान करने से वंचित रह गए। तीसरी वजह है कि मतदाता सूची में कई मकान में रहने वाले लोगों का नाम ही गायब था। सिविल लाइंस में एक बहुमंजिली इमारत के लगभग डेढ़ हजार मतदाताओं का नाम सूची से गायब था।
सूची में गड़बड़ी का पड़ा असर : रीता
इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी की कई केंद्रों पर शिकायत आई है। यह सच है कि सूची में गड़बड़ी का मतदान प्रतिशत पर असर पड़ा है।
गड़बड़ सूची से कम पड़े वोट : केशरी
फूलपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी केशरी देवी पटेल का कहना है कि गड़बड़ मतदाता सूची के कारण वोट कम पड़े। कई मतदान केंद्रों से मतदाता बिना वोट दिए ही वापस लौट गए। यही कारण है कि मतदान प्रतिशत घटा है।
साजिश के तहत काटे गए नाम : राजेंद्र
इलाहाबाद लोकसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी राजेंद्र सिंह पटेल का कहना है कि गठबंधन के समर्थकों का नाम साजिश के तहत काटा गया है। नाम कटने से हर वर्ग के मतदाताओं को दिक्कत हुई है।
सत्ता पक्ष के इशारे पर हुआ अन्याय : पंधारी
फूलपुर लोकसभा सीट से सपा गठबंधन प्रत्याशी पंधारी यादव का कहना है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर मतदाताओं के साथ अन्याय किया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है। इसकी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजेंगे।
भाजपा प्रत्याशी के प्रति उदासीनता : योगेश
इलाहाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शुक्ला का कहना है कि मौसम की वजह से मतदान फीसद पर असर पड़ा। भाजपा प्रत्याशी के प्रति मतदाताओं में उदासीनता भी रही। ऐसे में वह वोट देने के लिए अपनों घरों से नहीं निकले।
सौ फीसद होना चाहिए मतदान : पंकज निरंजन
फूलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज निरंजन का कहना है कि मतदान फीसद लोकतंत्र के अनुकूल नहीं रहा। मतदान सौ फीसद होना चाहिए। इसके लिए केवल लोगों को जागरूक करने से कुछ नहीं होगा।
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