कुंभ के दौरान एसआरएन अस्पताल में आए वाटर कूलर ताले में बंद
कुंभ के दौरान एसआरएन अस्पताल में मरीजों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 30 वाटर कूलर आए थे। हालांकि कई वाटर कूलर अब भी कमरे में बंद कर रखे हुए हैं।
By Edited By: Published: Tue, 14 May 2019 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 10:49 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। मरीजों की सुविधा के लिए कुंभ मेला के दौरान एसआरएन अस्पताल में लगने के लिए वाटर कूलर आए थे। इनमें से कई अभी तक नहीं लगाए गए हैं, वह स्टोर में ही रखे हुए हैं। वहीं भीषण गर्मी में मरीजों के साथ तीमारदार परेशान हो रहे हैं। इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मरीजों का हक ताले में कैद हैं और मरीज व तीमारदार इधर-उधर भटक रहे हैं। कुंभ के दौरान मरीजों के लिए अस्पताल में लाए गए वाटर कूलर या कुछ अन्य सामान अब तक बंद पड़े हैं। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों और तीमारदारों को इसका लाभ नहीं मिला है। मरीज ठंडे पानी के लिए गर्मी में बेहाल हो रहे हैं। उन्हें पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अफसर बेफिक्र हैं।
कुंभ के दौरान अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए 30 वाटर कूलर आए थे। इसमें कुछ तो लगा दिए गए लेकिन दर्जनों अभी भी रखे हुए हैं। इसी तरह कई अन्य सामान भी अभी तक खोले ही नहीं गए। ताले में बंद वाटरकूलर पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं। वाटरकूलर अस्पताल के लिए आए थे लेकिन उन्हें प्रमुख अधीक्षक के पुराने आफिस में रखा गया है। जबकि अस्पताल में वाटरकूलर की बहुत अधिक आवश्यकता है। तीमारदार बाहर से पानी खरीदकर या टंकी का पानी पीने लिए मजबूर हैं।
इसी तरह बड़ी मात्रा में डस्टबिन, कुर्सी, वार्डो में रखने के लिए साइड टेबल, पंखा जैसे जरूरी सामान जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। इस भीषण गर्मी में यदि वाटर कूलर विभिन्न स्थानों पर लगा दिए जाए तो काफी सहूलियत होगी। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि स्थान निर्धारित न होने के कारण कुछ वाटर कूलर व अन्य सामान नहीं लग पाए हैं। जल्द ही यह सब अस्पताल में लगा दिए जाएंगे।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में मरीजों का हक ताले में कैद हैं और मरीज व तीमारदार इधर-उधर भटक रहे हैं। कुंभ के दौरान मरीजों के लिए अस्पताल में लाए गए वाटर कूलर या कुछ अन्य सामान अब तक बंद पड़े हैं। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मरीजों और तीमारदारों को इसका लाभ नहीं मिला है। मरीज ठंडे पानी के लिए गर्मी में बेहाल हो रहे हैं। उन्हें पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अफसर बेफिक्र हैं।
कुंभ के दौरान अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए 30 वाटर कूलर आए थे। इसमें कुछ तो लगा दिए गए लेकिन दर्जनों अभी भी रखे हुए हैं। इसी तरह कई अन्य सामान भी अभी तक खोले ही नहीं गए। ताले में बंद वाटरकूलर पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं। वाटरकूलर अस्पताल के लिए आए थे लेकिन उन्हें प्रमुख अधीक्षक के पुराने आफिस में रखा गया है। जबकि अस्पताल में वाटरकूलर की बहुत अधिक आवश्यकता है। तीमारदार बाहर से पानी खरीदकर या टंकी का पानी पीने लिए मजबूर हैं।
इसी तरह बड़ी मात्रा में डस्टबिन, कुर्सी, वार्डो में रखने के लिए साइड टेबल, पंखा जैसे जरूरी सामान जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। इस भीषण गर्मी में यदि वाटर कूलर विभिन्न स्थानों पर लगा दिए जाए तो काफी सहूलियत होगी। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि स्थान निर्धारित न होने के कारण कुछ वाटर कूलर व अन्य सामान नहीं लग पाए हैं। जल्द ही यह सब अस्पताल में लगा दिए जाएंगे।
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