डीएम के यहां अटकी है बच्चों के स्कूलों में दाखिले की फाइल
बच्चों के दाखिले की फाइल डीएम के यहां अटकी हुई है। इससे बच्चे और अभिभावक काफी परेशान हैं। वे बीएसए दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं।
By Edited By: Published: Sat, 11 May 2019 06:32 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 06:33 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। एक तरफ शासन बच्चों के शिक्षा पर विशेष जोर दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ चयनित होने के बावजूद करीब सवा सात सौ बच्चों का दाखिला फंसा हुआ है। इन बच्चों के प्रवेश संबंधी फाइल डीएम के यहां अटकी होने से स्कूलों में दाखिला नहीं हो पा रहा है। अभिभावक परेशान हैं और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
दरअसल, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत मान्यता प्राप्त कान्वेंट स्कूलों में इस शैक्षिक सत्र में गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक मार्च से पांच अप्रैल तक आवेदन मांगे गए थे। कुल 1907 आवेदन आए। आवेदनों की स्कैनिंग होने पर 1107 आवेदन सही पाए गए, जबकि 800 आवेदन किन्हीं कारणों से निरस्त कर दिए गए। 24 अप्रैल को शासन स्तर से निकाली गई ऑनलाइन लॉटरी में 721 बच्चे चयनित हुए।
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने पांच मई तक चयनित बच्चों के प्रवेश के लिए समय सीमा तय की थी, लेकिन अब तक एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हो सका। विभागीय दावा है कि बच्चों के चयन के एक-दो दिन बाद ही दाखिले के लिए डीएम की संस्तुति लेने के लिए फाइल उनके पास भेज दी गई थी लेकिन अब तक फाइल लौटकर विभाग के पास नहीं आई लिहाजा प्रवेश नहीं होने से अभिभावक परेशान हैं, क्योंकि बच्चों का कोर्स काफी पीछे हो जाएगा।
फाइल आने पर सभी मान्यता प्राप्त कान्वेंट स्कूलों में बच्चों की संख्या सहित आदेश भेजा जाएगा। आरटीई में स्कूलों की फीस विभाग खुद जमा करता है जबकि कापी, किताब और यूनिफार्म आदि के लिए पांच हजार रुपये अभिभावकों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि फाइल डीएम के यहां भेजी गई है। वहां से स्वीकृति होकर आने पर बच्चों का संबंधित स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा।
दरअसल, शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत मान्यता प्राप्त कान्वेंट स्कूलों में इस शैक्षिक सत्र में गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एक मार्च से पांच अप्रैल तक आवेदन मांगे गए थे। कुल 1907 आवेदन आए। आवेदनों की स्कैनिंग होने पर 1107 आवेदन सही पाए गए, जबकि 800 आवेदन किन्हीं कारणों से निरस्त कर दिए गए। 24 अप्रैल को शासन स्तर से निकाली गई ऑनलाइन लॉटरी में 721 बच्चे चयनित हुए।
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने पांच मई तक चयनित बच्चों के प्रवेश के लिए समय सीमा तय की थी, लेकिन अब तक एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हो सका। विभागीय दावा है कि बच्चों के चयन के एक-दो दिन बाद ही दाखिले के लिए डीएम की संस्तुति लेने के लिए फाइल उनके पास भेज दी गई थी लेकिन अब तक फाइल लौटकर विभाग के पास नहीं आई लिहाजा प्रवेश नहीं होने से अभिभावक परेशान हैं, क्योंकि बच्चों का कोर्स काफी पीछे हो जाएगा।
फाइल आने पर सभी मान्यता प्राप्त कान्वेंट स्कूलों में बच्चों की संख्या सहित आदेश भेजा जाएगा। आरटीई में स्कूलों की फीस विभाग खुद जमा करता है जबकि कापी, किताब और यूनिफार्म आदि के लिए पांच हजार रुपये अभिभावकों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो जाता है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि फाइल डीएम के यहां भेजी गई है। वहां से स्वीकृति होकर आने पर बच्चों का संबंधित स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें