आदि शंकराचार्य का संदेश हर व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत
महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में आदि शंकराचार्य की जयंती मनाई गई। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करके शस्त्र व शास्त्र से सनातन धर्म की रक्षा की।
प्रयागराज : सनातन धर्म के रक्षक आदि शंकराचार्य का जयंती पर भावपूर्ण नमन किया गया। अलोपीबाग स्थित आदिशंकराचार्य की प्रतिमा पर जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि आदिशंकराचार्य ने अपनी विद्वता, त्याग व समर्पण से सनातन धर्म का वैभव पूरी दुनिया में फैलाया था। आज आदि शंकराचार्य की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि उनकी नीतियों को आगे बढ़ाएं और सनातन धर्म का वैभव पूरी दुनिया में फैलाएं। इस दौरान व्रतशील शर्मा, उमेश चंद्र मिश्र, सचिन मिश्र, सुधाकर शास्त्री, वीरेंद्र सिंह, विपिन तिवारी मौजूद रहे।
मठ बाघंबरी गद्दी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में आदि शंकराचार्य की जयंती मनाई गई। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने संतों और सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करके शस्त्र व शास्त्र से सनातन धर्म की रक्षा किया था। धर्म विरोधी ताकतों का खात्मा करने के लिए उन्होंने अखाड़ों का गठन किया। अरैल स्थित दंडी स्वामी आश्रम में जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम की अध्यक्षता में आदिशंकराचार्य की जयंती मनाई गई। उन्होंने कहा कि आदिशंकराचार्य ने शस्त्र, शास्त्र, दंड व कमंडल के जरिए सनातन धर्म का विस्तार दुनिया भर में किया। शास्त्रार्थ के जरिए विरोधियों को परास्त करके उन्हें सनातन धर्म को अपनाने पर मजबूर किया। दंडी संन्यासी आदिशंकराचार्य की नीतियों को आगे बढ़ा रहे हैं। आदि शंकराचार्य का संदेश समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत है। सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए यह बहुत जरूरी है। सभी को सनातन को बढ़ाने में योगदान देने की जरूरत है।
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