एटीवीएम के कमीशन में भी है 'कमीशन' का खेल
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अनारक्षित टिकट लेने के लिए एटीवीएम लगाया गया था। वहीं एटीवीएम का स्मार्ट कार्ड दलालों के हाथ में पहुंच गया है।
By Edited By: Published: Wed, 08 May 2019 07:20 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 10:35 AM (IST)
प्रयागराज : रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अनारक्षित टिकट लेने के लिए लाइन में खड़ा न होना पड़े, इसके लिए ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) लगाई जा रही हैं। एटीवीएम से टिकट काटकर यात्रियों को देने का काम रेलवे ने ग्रुप-सी के सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को दिया है, लेकिन फैसिलिटेटर की जगह युवा टिकट काट रहे हैं।
स्टेशन पर यह खेल खुलेआम हो रहा है
दलालों ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से उनका स्मार्ट कार्ड ले रखा है। कमीशन पर युवाओं को देकर पैसा कमा रहे हैं। स्टेशन पर यह खेल खुलेआम हो रहा है। लेकिन अफसरों का ध्यान इस ओर नहीं है। रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए प्रमुख स्टेशनों पर एटीवीएम मशीन लगा रहा है। नियमानुसार सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी ही एटीवीएम मशीन से टिकट बेचेंगे, लेकिन कमीशन खोरी के कारण ऐसा नहीं हो रहा है। दलालों ने फैसिलिटेटरों से उनका स्मार्ट कार्ड कमीशन पर ले रखा है।
दलाल उनको घर बैठे एक प्रतिशत कमीशन दे रहे हैं
फैसिलिटेटरों को टिकट बेचने पर तीन प्रतिशत कमीशन मिलता है। दलाल उनको घर बैठे एक प्रतिशत कमीशन दे रहे हैं। यह धंधा इतना फैल गया है कि अब अधिकांश स्टेशन पर युवा ही टिकट बेच रहे हैं, जबकि यह अवैध है। मिलीभगत की वजह से रेलवे के अधिकारी इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बोले पीआरओ, अभियान चलाकर इसकी जांच की जाएगी
इलाहाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि अभियान चलाकर इसकी जांच की जाएगी कि फैसिलिटेटर एटीवीएम चल रहे हैं या नहीं। जहां पर फैसिलिटेटर नहीं मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। टिकट बेचने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।
बुलाकर देते हैं टिकट
एटीवीएम मशीनें वहां पर लगी हुई हैं, जहां पर अनारक्षित टिकट मिलता है। यात्री टिकट लेने के लिए काउंटर पर जाते हैं तो एटीवीएम पर खड़े युवा उन्हें बुलाकर टिकट काटते हैं।मशीन से टिकटों की बिक्री होने पर काउंटर पर बैठे रेल कर्मचारी को भी आराम रहता है। इसलिए वह युवाओं के टिकट बेचने पर आपत्ति नहीं उठाते हैं। कमीशन का खेल रेलवे अधिकारियों तक जुड़ा है। इसलिए कार्रवाई भी नहीं होती है। यात्रियों को इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वे विरोध भी नहीं करते।
इन स्टेशनों पर कमीशन का खेल
इलाहाबाद जंक्शन, प्रयागघाट स्टेशन, प्रयाग जंक्शन, इलाहाबाद सिटी स्टेशन, सूबेदारगंज, इलाहाबाद छिवकी, नैनी जंक्शन समेत सभी स्टेशनों पर कमीशन का खेल चल रहा है।
स्टेशन पर यह खेल खुलेआम हो रहा है
दलालों ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से उनका स्मार्ट कार्ड ले रखा है। कमीशन पर युवाओं को देकर पैसा कमा रहे हैं। स्टेशन पर यह खेल खुलेआम हो रहा है। लेकिन अफसरों का ध्यान इस ओर नहीं है। रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए प्रमुख स्टेशनों पर एटीवीएम मशीन लगा रहा है। नियमानुसार सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी ही एटीवीएम मशीन से टिकट बेचेंगे, लेकिन कमीशन खोरी के कारण ऐसा नहीं हो रहा है। दलालों ने फैसिलिटेटरों से उनका स्मार्ट कार्ड कमीशन पर ले रखा है।
दलाल उनको घर बैठे एक प्रतिशत कमीशन दे रहे हैं
फैसिलिटेटरों को टिकट बेचने पर तीन प्रतिशत कमीशन मिलता है। दलाल उनको घर बैठे एक प्रतिशत कमीशन दे रहे हैं। यह धंधा इतना फैल गया है कि अब अधिकांश स्टेशन पर युवा ही टिकट बेच रहे हैं, जबकि यह अवैध है। मिलीभगत की वजह से रेलवे के अधिकारी इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
बोले पीआरओ, अभियान चलाकर इसकी जांच की जाएगी
इलाहाबाद मंडल के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि अभियान चलाकर इसकी जांच की जाएगी कि फैसिलिटेटर एटीवीएम चल रहे हैं या नहीं। जहां पर फैसिलिटेटर नहीं मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। टिकट बेचने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा।
बुलाकर देते हैं टिकट
एटीवीएम मशीनें वहां पर लगी हुई हैं, जहां पर अनारक्षित टिकट मिलता है। यात्री टिकट लेने के लिए काउंटर पर जाते हैं तो एटीवीएम पर खड़े युवा उन्हें बुलाकर टिकट काटते हैं।मशीन से टिकटों की बिक्री होने पर काउंटर पर बैठे रेल कर्मचारी को भी आराम रहता है। इसलिए वह युवाओं के टिकट बेचने पर आपत्ति नहीं उठाते हैं। कमीशन का खेल रेलवे अधिकारियों तक जुड़ा है। इसलिए कार्रवाई भी नहीं होती है। यात्रियों को इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वे विरोध भी नहीं करते।
इन स्टेशनों पर कमीशन का खेल
इलाहाबाद जंक्शन, प्रयागघाट स्टेशन, प्रयाग जंक्शन, इलाहाबाद सिटी स्टेशन, सूबेदारगंज, इलाहाबाद छिवकी, नैनी जंक्शन समेत सभी स्टेशनों पर कमीशन का खेल चल रहा है।
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