पूर्व मंत्री के मुकदमे में नया मोड़, फंसेंगे विवेचक
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के मुकदमे में जांच आख्या पर नाराजगी जताई है। पूर्व मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है।
प्रयागराज : आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में फंसे पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर प्रयागराज के विवेचक हवलदार सिंह यादव ने विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में अपनी आख्या प्रेषित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय की नजीर देते हुए उल्लिखित किया है। इसके तहत आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध होना नहीं पाया गया। इस तरह विवेचक ने क्लीन चिट देते हुए कहा कि अग्रिम विवेचना में पाए गए तथ्यों के आधार पर प्रकरण को निस्तारित किया जाए।
पुलिस की आख्या पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
एमपी एमएलए कोर्ट ने पुलिस की आख्या पर नाराजगी जताते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। अब इस मामले में विवेचक समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। शनिवार को राकेशधर त्रिपाठी के मुकदमे की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने पुलिस द्वारा दी गई क्लीन चिट को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कर सुनवाई की अगली तिथि 14 मई मुकर्रर कर दी। एमपी एमएलए कोर्ट में इस मामले की नए तरह से सुनवाई होने से केस के विवेचक एवं संबंधित अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
कोर्ट में प्रेषित पत्र में विवेचक ने किया उल्लिखित
विवेचक ने विशेष कोर्ट में प्रेषित पत्र में उल्लिखित किया है कि अग्रिम विवेचना से आरोपी राकेशधर की चेक अवधि (मई 2007 से 31 दिसंबर 2011) के मध्य कुल अर्जित संपत्ति रुपये 11194402 चेक अवधि के मध्य व्यय रुपये 6276174 तथा चेक अवधि के मध्य कुल अर्जित परिसंपत्ति एवं कुल व्यय 17470576 तथा चेक अवधि के मध्य कुल आय रुपये 16823615 पाई गई। जो आय के सापेक्ष रुपये 646961 अधिक पाई गई। जो आय की तुलना में अधिक पाई गई। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान प्रयागराज के पुलिस अधीक्षक द्वारा तीस मार्च 2019 को यह पत्र अग्रसारित किया गया जो 19 अप्रैल 2019 को विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में दाखिल किया गया।
मुट्ठीगंज थाने में दर्ज हुई थी मामले की रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन के सतर्कता विभाग के आदेश पर 12 जून 2013 को पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के संबंध में विवेचना किए जाने का आदेश हुआ था। इस संबंध में मुट्ठीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। सतर्कता अनुभाग के आदेश के तहत विवेचना भरत रत्न वाष्र्णेय, योगेंद्र राय, एसपी सिंह के द्वारा की गई। पूर्व मंत्री राकेशधर के खिलाफ विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम वाराणसी की कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया। कोर्ट ने मुकदमा चलाने के बाबत संज्ञान भी ले लिया। उसके बाद से मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो गई।
पूर्व मंत्री ने प्रदेश सरकार को प्रत्यावेदन दिया था
इसी बीच आरोपित पूर्व मंत्री राकेशधर ने एक प्रत्यावेदन प्रदेश सरकार को दिया और कुछ बिंदुओं पर अग्रिम विवेचना कराए जाने का अनुरोध किया। सतर्कता विभाग ने न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम वाराणसी से अनुमति लेकर अग्रिम विवेचना निरीक्षक हवलदार सिंह को दी। इनकी जांच में आया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का कोई जुर्म नहीं बनता है, उन्होंने क्लीन चिट दे दी। इसी मामले की सुनवाई पर विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कार्यवाही का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।