छापेमारी कर जब्त की गई 80 किलो पॉलीथिन
सूबे में रविवार से 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन प्रतिबंधित कर दी गई। इसके बाद भी इसका प्रयोग होते दिखा। डीएम के निर्देश पर राजापुर, बहादुरगंज और पेठा मंडी में संयुक्त छापेमारी कर 80 किलो पॉलीथिन जब्त की गई।
जासं, इलाहाबाद : सूबे में रविवार से 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन प्रतिबंधित कर दी गई। संगमनगरी में भी पॉलीािथन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय शनिवार को ही सदन में हो गया था। रविवार को शहर के ज्यादातर बाजार बंद होने से इसका खास असर नहीं दिखा, लेकिन डीएम सुहास एलवाई के निर्देश पर प्रशासन और नगर निगम की अलग-अलग संयुक्त टीमों ने तीन स्थानों पर दुकानों में छापेमारी कर करीब 80 किलो पॉलीथिन जब्त की। दुकानदारों को पाबंदी की जानकारी भी दी गई।
रविवार को बंदी होने के कारण सिविल लाइंस, अल्लापुर, तेलियरगंज, सुलेमसराय, मुंडेरा, राजरूपपुर, चौक, कोठा परचा, मुट्ठीगंज समेत शहर के अन्य बाजारों में दुकानें बहुत कम खुली थीं। हालांकि, एजी ऑफिस, मीरापुर, खुल्दाबाद, गऊघाट सब्जी और फल मंडियों में पॉलीथिन का बेधड़क इस्तेमाल होता रहा। ग्राहक पॉलीथिन में सामान लेकर धड़ल्ले से जाते दिखाई दिए। शाम को एसीएम द्वितीय के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने कैंट क्षेत्र के राजापुर में म्योर रोड पर तीन-चार दुकानों में छापेमारी कर करीब 30-35 किलो पॉलीथिन जब्त की। कार्रवाई में जोनल अधिकारी रविंद्र कुमार सिंह, अतिक्रमण निरीक्षक मनोज कुमार आदि शामिल रहे। बहादुरगंज में एसीएम तृतीय की अगुवाई में सुरीन प्लॉस्टिक की दुकान पर निगम की टीम ने छापेमारी की। दुकान में लगभग 30 किलो पॉलीथिन बरामद की गई। कार्रवाई में जोनल अधिकारी राजकुमार गुप्ता, सफाई इंस्पेक्टर सतीश कुमार आदि शामिल थे। बाई का बाग स्थित पेठा मंडी में भी कार्रवाई की गई। करीब 13 किलो पॉलीथिन जब्त की गई।
कार्रवाई संग प्रचार-प्रसार भी: पॉलीथिन पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई संग प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। इसके लिए निगम ने एक वाहन तैयार कराया है, जिसमें लाउड स्पीकर लगा रहेगा। वाहन शहर भर में घूमेगा और पॉलीथिन के नुकसान और प्रतिबंध संबंधी जानकारी दी जाएगी। इस बीच, अगर कोई व्यापारी स्टॉक रखा है तो वह उसे निगम में जमा करा सकता है।
एलआइयू और वाणिज्य कर विभाग की भी मदद: पॉलीथिन पर नियंत्रण के लिए निगम एलआइयू और वाणिज्य कर विभाग की भी मदद ले रहा है। अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास ने बताया कि बाहर से शहर में आने वाली पॉलीथिन पर अंकुश लगाने के लिए वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों से वार्ता हुई है। वह चेक पोस्टों पर वाहनों की जांच करके पॉलीथिन जब्त करेंगे। फैक्ट्रियों के चिह्नीकरण के लिए एलआइयू से भी वार्ता हुई है। चिह्नित फैक्ट्रियों पर भी छापेमारी की जाएगी।
क्या है नुकसान: 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन नष्ट नहीं होती हैं। अगर नाले-नालियों में यह उड़कर चली गईं तो धीरे-धीरे नाले-नालियां चोक हो जाती हैं। पानी का बहाव रुक जाने से बैकफ्लो होकर गंदा पानी सड़कों, गलियों और घरों में घुस जाता है। पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार के मुताबिक पॉलीथिन को जलाने से कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। वहीं, कमला नेहरू कैंसर अस्पताल की कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. राधारानी घोष के मुताबिक पॉलीथिन को जलाने से उसका धुआं भी बहुत खतरनाक होता है। धुआं फेफड़े और आंत में जाने से आंत का कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा रहता है।
क्या हैं विकल्प
पॉलीथिन का सबसे बेहतर विकल्प सेलल्यूज के बने बैग, कपड़े के झोले, कागज के थैले, बांस की टोकरी, दोने-पत्तल, कुल्हड़-कसोरा आदि हैं।