उन्नाव कांड में पॉक्सो एक्ट के आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव कांड में उन्नाव जिले की विशेष अदालत में पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहे आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव कांड में उन्नाव जिले की विशेष अदालत में पॉक्सो एक्ट के तहत चल रहे आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह इस मामले को सीबीआइ अदालत लखनऊ स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी करे। याचिका की सुनवाई अब 30 मई को होगी।
मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ के समक्ष सीबीआइ ने जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की। पीडि़ता की मां की तरफ से दाखिल अर्जी में आरोप लगाया गया है कि पुलिस अभिरक्षा में उसके पति और पीडि़ता के पिता की मौत हुई। उसकी ओर से लिखाई गई प्राथमिकी में सीबीआइ ने तथ्यों को बदल दिया है साथ ही विवेचना की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए गए हैं। मामले के मुख्य आरोपित व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि बिना उनका पक्ष लिये एकतरफा कार्यवाही की जा रही है। 20 जून 2017 को दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में चार्जशीट दर्ज की है। जिसकी सुनवाई विशेष अदालत कर रही है। सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि इस केस की लगातार सुनवाई चल रही है। घटना की जांच सीबीआइ कर रही है। यदि सुनवाई नहीं रोकी गई तो जांच का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
कोर्ट ने न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी से पूछा कि उनका क्या कहना है। इस पर उन्होंने भी सीबीआइ की मांग का समर्थन किया। पीडि़ता की मां की तरफ से अधिवक्ता डीआर चौधरी ने पक्ष रखा। सीबीआइ ने कहा कि उसकी कोर्ट को पॉक्सो एक्ट के मुकदमे सुनने का अधिकार नहीं है। इस पर कोर्ट ने सरकार से अधिसूचना जारी करने को कहा, ताकि उन्नाव दुष्कर्म कांड की सीबीआइ अदालत में सुनवाई हो सके।