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एक और साल्‍वर गैंग का राजफाश, 14 गिरफ्तार, जानिए किस परीक्षा का पेपर साल्‍व करने का लेते थे ठेका Prayagraj News

Solver gang arrested इंस्पेक्टर केसी राय और अतुल सिंह ने टीम के साथ कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में छापेमारी की तो वहां कंप्यूटर पर ऑनलाइन पेपर सॉल्व कर रहे 13 युवक और इंस्टीट्यूट के मैनेजर को दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद सभी के खिलाफ औद्योगिक थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 06:59 PM (IST)
एक और साल्‍वर गैंग का राजफाश, 14 गिरफ्तार, जानिए किस परीक्षा का पेपर साल्‍व करने का लेते थे ठेका Prayagraj News
कंप्यूटर पर ऑनलाइन पेपर सॉल्व कर रहे 13 युवक और इंस्टीट्यूट के मैनेजर को एसटीएफ ने दबोचा है।

प्रयागराज,जेएनएन। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने कोर्स ऑन कंप्यूटर कांसेप्ट (ट्रिपल सी) परीक्षा के सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 26 कंप्यूटर, 14 मोबाइल, 14 एडमिट कार्ड, दो लाख आठ हजार रुपये और 150 अभ्यर्थियों का विवरण संबंधी कागजात व दूसरे उपकरण बरामद हुए हैं। सभी को औद्योगिक थाना क्षेत्र स्थित कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चंद्रकला यूनिवर्सल प्राइवेट लिमिटेड से पकड़ा गया और फिर औद्योगिक थाने मेंं दाखिल किया गया।

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इंस्टीट्यूट के मैनेजर और 13 सॉल्‍वर दबोचे गए

गिरफ्तार अभियुक्त हर्षवर्धन जौनपुर जिले के बदलापुर थाना क्षेत्र के ऊदपुर घाटमपुर गांव और अमित शंकर पांडेय वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र स्थित लखरांव गांव का निवासी है। जबकि कंप्यूटर इंस्टीट्यूट का मैनेजर अशोक नौटियाल समेत अन्य आरोपित प्रयागराज के रहने वाले हैं। इंस्टीट्यूटका डायरेक्टर आनंद सेठ अभी फरार है। एडिशनल एसपी एसटीएफ नीरज पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से ट्रिपल सी की परीक्षा ऑनलाइन कराई जा रही थी। परीक्षा 29 सितंबर से शुरू हुई थी और सात अक्टूबर तक चलनी है। परीक्षा का सेंटर चंद्रकला यूनिवर्सल प्राइवेट लिमिटेड को भी बनाया गया था। इसी दौरान पता चला कि धांधली करने वाला एक गिरोह सक्रिय है। इंस्पेक्टर केसी राय और अतुल सिंह ने टीम के साथ कंप्यूटर इंस्टीट्यूट में छापेमारी की तो वहां कंप्यूटर पर ऑनलाइन पेपर सॉल्व कर रहे 13 युवक और इंस्टीट्यूट के मैनेजर को दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद सभी के खिलाफ औद्योगिक थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

साफ्टवेयर के जरिए करते थे पेपर सॉल्व

सॉल्वर एम्मी एडमिन साफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन पेपर सॉल्व करते थे। चूंकि परीक्षा केंद्र के अभ्‍यर्थियों का पासवर्ड इंस्टीट्यूट के मैनेजर के पास पहले से रहता था। इस कारण साफ्टवेयर की मदद से अभ्‍यर्थियों के कंप्यूटर को कनेक्ट करते थे और फिर सॉल्वर प्रश्नपत्र को हल करते थे। एक सॉल्वर एक साथ दो कंप्यूटर के जरिए दो अभ्‍यर्थियों का पर्चा हल करते थे।

एक अभ्यर्थी से लेते थे पांच हजार

ट्रिपल सी की परीक्षा पास कराने के लिए एक अभ्यर्थी से पांच हजार रुपये लिया जाता था। फिर एक सॉल्वर को ढाई हजार रुपये दिया जाता था। ट्रिपल सी कोर्स का प्रमाणपत्र क्लर्क की नौकरी में मांगा जाता है। पकड़े गए सॉल्वर एमबीए, बीटेक, कंप्यूटर साइंस जैसे कोर्स किए हैं और ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। परीक्षा केेंद्र में बाहर से ताला लगाकर पेपर हल कराया जा रहा था। अब तक तमाम अभ्‍यर्थियों को पास कराने की बात कही जा रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी

अशोक नौटियाल जार्जटाउन, शाश्वत केसरवानी मुटठीगंज, सुनील दुबे व संदीप तिवारी धूमनगंज, सुधांशु गुप्ता कोतवाली, मनीष पांडेय व इरशाद खुल्दाबाद, अमित शंकर वाराणसी, प्रियांक मिश्रा व वैभव श्रीवास्तव नैनी, आनंद कुशवाहा कर्नलगंज, अभिषेक खेर धूमनगंज, मुकेश तिवारी मेजा, हर्षवर्धन जौनपुर के रहने वाले हैं। अमित शंकर दारागंज में किराए का कमरा लेकर रहता था।


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