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11 सौ तीर्थ पुरोहितों के जिम्मे होंगे लाखों कल्पवासी

वर्ष भर संगम किनारे पूजन-अर्चन करवाने वाले तीर्थ पुरोहितों के जिम्‍मे लाखों कल्‍पवासी रहेंगे। इसके लिए तैयारी भी वह कर रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 04:07 PM (IST)
11 सौ तीर्थ पुरोहितों के जिम्मे होंगे लाखों कल्पवासी
11 सौ तीर्थ पुरोहितों के जिम्मे होंगे लाखों कल्पवासी

प्रयागराज : 11 सौ तीर्थ पुरोहितों के पर लाखों कल्पवासियों की जिम्मेदारी रहेगी। जी हां, संगम किनारे चौकी लगातार पूरे वर्ष यजमानों के लिए पूजन-अर्चन करने वाले तीर्थ पुरोहित अब कुंभ मेला की तैयारी में जुटे हैं। यह तीर्थ पुरोहित कुंभ मेला में कल्पवास के लिए आने वाले लोगों के रहने, पूजन कराने आदि की जिम्मेदारी भी निभाएंगे। ज्यादातर यजमान तीर्थ पुरोहितों के मेला क्षेत्र स्थित शिविरों में ही पूरे माह रहकर कल्पवास करते हैं सो उसके लिए तीर्थ पुरोहित शिविरों को तैयार कराने में जुटे हैं।

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कल्पवास करने देशभर से आएंगे लोग

प्रयागराज कुंभ मेले में कल्पवास करने वाले ज्यादातर श्रद्धालु जौनपुर, फैजाबाद, गोरखपुर, बस्ती समेत बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि से आते हैं। इनमें से अधिकतर तीर्थ पुरोहितों के शिविरों में ही रहते हैं। वर्तमान में संगम किनारे 11 सौ से अधिक तीर्थ पुरोहित हैं और तकरीबन सभी के अपने यजमान हैं, जिन्होंने कुंभ में कल्पवास के लिए उनसे पहले से ही संपर्क कर रखा है।

तीर्थ पुरोहितों को जमीन आवंटित

इन तीर्थ पुरोहितों को मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों में जमीन आवंटित की गई है। इन जमीनों पर शिविर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। कुंभ मेला का पहना स्नान पर्व 15 जनवरी को है। इस दौरान शाही स्नान भी होगा। ऐसे में दूसरे प्रदेशों और जिलों से कल्पवासी मेला शुरू होने के एक-दो दिन पहले ही यहां आ जाएंगे।

यजमानों का ध्यान रखना जिम्मेदारी है : राजेंद्र पालीवाल

तीर्थ पुरोहित राजेंद्र पालीवाल का कहना है कि मेला में आने वाले यजमानों का ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी है, क्योंकि वह लंबे समय से तीर्थ पुरोहितों से जुड़े हुए हैं। कल्पवासियों को रहने में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।


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