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Sawan Last Monday 2020:हर-हर महादेव के जयघोष से श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह

सावन के अंतिम सोमवार को शहर में हर-हर महादेव की गूंज रही। सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही रक्षाबंधन का पर्व भी है। इसलिए श्रद्धालुओं का उत्साह और अधिक बढ़ गया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 11:42 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 03:45 PM (IST)
Sawan Last Monday 2020:हर-हर महादेव के जयघोष से श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह
Sawan Last Monday 2020:हर-हर महादेव के जयघोष से श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह

अलीगढ़ [जेएनएन]: सावन के अंतिम सोमवार को शहर में हर-हर महादेव की गूंज रही। सावन के अंतिम सोमवार के साथ ही रक्षाबंधन का पर्व भी है। इसलिए श्रद्धालुओं का उत्साह और अधिक बढ़ गया। अंतिम सोमवार को भी खेरेश्वरधाम और अचलेश्वरधाम मंदिर के गेट बंद रहे। इससे श्रद्धालु बड़े मंदिरों में दर्शन नहीं कर पाए। इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हुई और समाप्त भी सोमवार को हो रहा है। अंतिम सोमवार और रक्षाबंधन का पर्व हर-हर, बम-बम के जयकारे से लगे। सुबह घरों पर श्रद्धालु पूजन-पाठ किया। शिवलिंग का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया। बेलपत्र, धतूरा और दूब चढ़ाई गई। श्रद्धालुओं ने शहर के छोटे मंदिरों में जाकर पूजन किया। सावन के अंतिम सोमवार के चलते श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखाा। शाम को खेरेश्वरधाम मंदिर में भोलेनाथ बाबा का भव्य शृंगार किया जाएगा। महाआरती भी होगी।

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श्रद्धालुओं का उत्साह  उमड़ा

सावन के अंतिम सोमवार को भी श्रद्धालुओं को घरों पर ही पूजन करना पड़ रहा है। दरअसल कोरोना वायरस के कहर बनकर टूटने से अभी बड़े तीज-त्योहारों पर मंदिरों के गेट खुलने की स्थिति नहीं बन पा रही है। इसलिए सोमवार को खेरेश्वरधाम और अचलेश्वरधाम मंदिरों के गेट बंद रहे। श्रद्धालु घर में पूजन कर भगवान भोलेनाथ को मना रहे हैं।  पहली बार ऐसा हो रहा है जब कोरोना वायरस के चलते सोमवार को मंदिरों के गेट बंद रखने पड़ रहे हैं। सोमवार को भी लोधा क्षेत्र के खेरेश्वरधाम मंदिर और अचलताल स्थित अचलेश्वरधाम मंदिर का गेट बंद रहे। श्रद्धालु अन्य दिनों में भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर सकते हैं।

सावन सोमवार व्रत एवं पूजा विधि

आज प्रात:काल में दैनिक क्रियाओं से होकर स्नान करें तथा साफ कपड़े पहन लें। अब हाथ में जल लेकर सावन के सोमवार व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। फिर गंगाजल मिले साफ जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। अब भोलेनाथ को अक्षत्, सफेद फूल, पंचामृत, गाय का दूध, भांग, बेल पत्र, सफेद चंदन, धतूरा आदि प्रेम पूर्वक अर्पित करें। 12 बेल पत्र पर राम नाम लिखकर शिव पंचाक्षर मंत्र का उच्चारण करते हुए भोलेनाथ को अर्पित करना भक्तों के लिए मंगलकारी माना गया है।


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