दनकौर से बंधनमुक्त होकर युवक पहुंचा अलीगढ़, समाजसेवी ने भेजा नेपाल
कंपनी में नौकरी दिलानेे के नाम पर ठगी करने का एक मामला सामने आया है। ऐसे ही नैपाल के एक युवक को कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर दनकौर में बंधक बना लिया और पशुओं की देखभाल में लगा दिया। किसी तरह यह युवक अलीगढ़ आ गया।
अलीगढ, जागरण संवाददाता। कंपनी में नौकरी दिलानेे के नाम पर ठगी करने का एक मामला सामने आया है। ऐसे ही नैपाल के एक युवक को कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर दनकौर में बंधक बना लिया और पशुओं की देखभाल में लगा दिया। किसी तरह यह युवक अलीगढ़ आ गया। यहां से युवक को समाजसेवी ने नेपाल तक का खर्चा देकर बस में बैठा दिया है।
यह है मामला
एक युवक ने कंपनी में नौकरी का झांसा देकर दनकोर में गुर्जर के मकान में घुसा दिया। वहां नेपाली डाल रहा था पशुओं का गोबर। नेपाल के थाना क्षेत्र नैना देवी चौक निवासी दीपक पुत्र सुरेश चंद अपनी पत्नी और बच्चों को घर पर छोड़कर सोनाली बार्डर पर किसी फैक्ट्री में पैकिंग का काम करता था। करीब तीन माह पूर्व वहां उसे एक युवक मिला। उसने नेपाली को झांसे में लेकर दिल्ली की फैक्ट्री में नौकरी के लिए कहा नेपाली युवक उस अनजान युवक के झांसे में आकर दिल्ली के लिए रवाना हो गया। मगर दिल्ली न पहुंचाकर दनकोर स्थित एक गुर्जर के मकान में पशुओं की देखरेख में छोड़ दिया।
युवक ने लगाया आरोप
आरोप है कि गुर्जर ने नेपाली युवक का मोबाइल छीनकर रख लिया और पशुओं की देखरेख में लगा दिया। तीन महीने का खर्चा भी नहीं दिया। नेपाली युवक ने बताया कि किसी प्रकार उसकी मुलाकात एक पुलिसकर्मी से हो गयी। झट से उसने अपनी पीड़ा पुलिसकर्मी को बतायी। पुलिस कर्मी के बताये अनुसार नेपाली युवक मौके की तलाश में था। वह दिन तीन माह 10 दिन बाद सोमवार अंधेरे में तीन बजे वह चुपके से घर से निकल आया। पैदल ही सोमवार शाम तक अलीगढ में खेरेश्वर हाईवे तक पहुंच गया। यहां उसकी मुलाकात एक समाजसेवी ट्रांसपोर्टर गुलफाम से हुई। ट्रांसपोर्टर ने नेपाली युवक की पीड़ा देख खाना खिलाया। पानी पिलाया और पास में ही थाना रोरावर के पुलिसकर्मियों को जानकारी दी। रोडवेज बस स्टैंड पर पुलिस कर्मियों को बताया पर कोई बस नहीं मिली। रेलवे स्टेशन से टिकट खरीदकर नेपाली युवक को खर्चा खाना दिया। अलीगढ से लखनऊ के लिए रेल में बैठाया।