अलीगढ़, जेएनएन। खैर कस्बे के पीपल गांव के रहने वाले राहुल का नाम इन दिनों चर्चा में है। दिल्ली में हवाला कारोबार के
भंडाफोड़
के बाद राहुल का नाम चीन की दो कंपनियों के डायरेक्टर के रूप में सामने आया है। राहुल व उनका परिवार बिल्कुल इससे अनजान हैं। राहुल ने कहा कि वह
गुरुग्राम
में नौकरी करने गए थे। यहां नवंबर 2019 में एक शख्स ने तीन हजार रुपये ज्यादा वेतन का लालच देकर पैन कार्ड व आधार कार्ड लिया था। कहा था कि कंपनी में भारतीय युवक की जरूरत है। राहुल को आशंका है कि उसी दौरान कोई
धोखाधड़ी
हुई होगी।
बीते दिनों दिल्ली में चीन का एक नागरिक फर्जी पासपोर्ट के साथ
पकड़ा
गया था। वह एक हजार
करोड़
से हवाला रैकेट से
जुड़ा
है। इसी के जरिये पता चला कि जिन कंपनियों के लिए हवाला से रकम उधर-उधर की जाती थी। उनका मालिक खैर के गांव पीपल का राहुल है और चीन की दो कंपनियों में शेयर होल्डर है।
सोमवार को फोन पर बातचीत में राहुल ने बताया कि 2016 में उत्तराखंड में टाटा मोटर्स में काम किया। 17 महीने बाद 2018 में
गुरुग्राम
की एक कंपनी में काम किया। वेतन कम था। इस बीच एक व्यक्ति ने बताया कि एक ऑफिस में वेकेंसी है। बताई हुई जगह पर पहुंचे तो कुछ नहीं मिला। वहां एक व्यक्ति ने बताया कि
एमआर
बिल्डिंग चले जाओ। वहां जाकर इंटरव्यू दिया। ऑफिस ब्वॉय के रूप में काम शुरू कर दिया। कुछ दिनों बाद ऑफिस शिफ्ट हो गया। 2019 के नवंबर में पता चला कि स्टाफ कम किया जा रहा है। इस दौरान सग्गू नाम के एक युवक ने बताया कि एक विदेशी कंपनी को भारतीय युवक की जरूरत है। तीन हजार ज्यादा
सेलरी
मिलेगी। उसके कहने पर उन्होंने पैन कार्ड व आधार कार्ड दे दिया। ज्वाइन करने से पहले घर आ गया। लॉकडाउन के चलते घर पर ही फंस गया। कंपनी से फोन आए कि आ जाओ वरना नौकरी से निकल दिए जाओगे।
रक्षाबंधन
पर अपने मामा के घर आया था। अब समाचारों के माध्यम से पता चला है कि मेरे नाम पर चीन में दो कंपनियां हैं और दो कंपनियों में शेयर होल्डर हूं। मुझे एक हजार
करोड़
का मालिक बना दिया है।
पिता बोले- पुलिस ने नहीं किया कोई संपर्क
राहुल तीन भाइयों व एक बहन में सबसे
बड़ा
है। बहन की शादी हो चुकी है। पिता किसान हैं। राहुल ने इंटर के बाद
आइटीआइ
की। घर कच्चा है। पिता ने बताया कि कोई भी एजेंसी या पुलिस की टीम जांच के लिए नहीं आई। राहुल का भी यही कहना है कि उसे समाचारों से जानकारी हुई है। अब उसे डर लगने लगा है। शंभूनाथ सिंह, इंस्पेक्टर, खैर का कहना है कि मीडिया के जरिये ही घटनाक्रम के बारे में पता चला है। अभी मुझे कहीं से आदेश नहीं हुआ है। कोई जांच एजेंसी भी पीपल गांव में नहीं आई है।