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Lockdown में नौकरी गंवा चुके युवा पाई-पाई को मोहताज, सोना बेचने को मजबूर परिवार Aligarh News

लॉकडाउन के बाद खुले सराफा बाजार में गहनों से ज्यादा नकदी की मांग है। लोग पुराने आभूषण बेचने के लिए आ रहे हैैं। कोई मां के सोने के कंगन तो कोई पत्नी का मंगलसूत्र बेचना चाहता है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 07:52 AM (IST)
Lockdown में नौकरी गंवा चुके युवा पाई-पाई को मोहताज, सोना बेचने को मजबूर परिवार Aligarh News
Lockdown में नौकरी गंवा चुके युवा पाई-पाई को मोहताज, सोना बेचने को मजबूर परिवार Aligarh News

अलीगढ़ [मनोज जादौन]: लॉकडाउन के बाद खुले सराफा बाजार में गहनों से ज्यादा नकदी की मांग है। बड़ी संख्या में लोग पुराने आभूषण बेचने के लिए आ रहे हैैं। कोई मां के सोने के कंगन, तो कोई पत्नी का मंगलसूत्र बेचना चाहता है। पुरखों से विरासत में मिले जेवरों को बेचने के लिए भी लोग सर्राफ के पास पहुंच रहे हैैं। ज्वेलर्स के मुताबिक यह संख्या सामान्य से बहुत ज्यादा है। रोज ऐसे 150-200 लोगों की आमद हो रही है। पहले गोल्ड गिरवी रखते थे या बेचकर गोल्ड ही लेते थे। पहले एक-दो ग्राहक ही सोना बेचते थे। 10 से 20 बड़े खरीदार आते थे, अब पांच भी नहीं आ रहे।

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मैट्रो शहरों में कर रहे थे नौकरी

शहर में 70 दिन के लॉकडाउन के बाद बाजार खुले हैैं। इस समयांतराल के दौरान दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, अहमदाबाद, मुंबई सहित तमाम शहरों में बड़ी कंपनियों ने काम बंद रखा। लघु, अति सूक्ष्म व कुटीर उद्योगों में भी काम नहीं हुआ। इनमें काम करने वाले लोग अपने घरों को लौटे। अब ऐसे तमाम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। कुछ अपना काम शुरू करना चाहते हैैं, ऐसे में सर्राफ के यहां आभूषण बेचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

महंगे खरीदे थे आभूषण

गांव-देहात से भी बहुत से लोग पुराने पारिवारिक आभूषणों को बेचने आ रहे हैं। इस समय सोने के भाव लगभग 47500 रुपये प्रति 10 ग्राम के हैैं, परंतु पुराने आभूषणों में ज्वेलर्स बहुत कारोबार नहीं करना चाहते। इसकी एक वजह यह है कि उनमें सोने की मात्रा को लेकर चिंता  है। कम होने पर ग्राहक नाराज हो जाते हैैं। बहुत से ग्राहकों ने नीरव मोदी के ब्रांड्स की ज्वेलरी खरीदी थी, उसके रेट तो 30-40 प्रतिशत भी नहीं मिल पा रहे।

सोना गिरवी रखने से बनाई दूरी

फैक्ट्री व कारखानों में काम करने वालों का कहना है कि लॉकडाउन के समय का वेतन नहीं मिला। जिस मकान में किराये पर रहते थे, उनके मालिकों का दबाव है। आर्थिक संकट से उबरने के लिए जेवर बेच रहे हैैं। रेट अच्छा मिलने की वजह से जेवरों को गिरवी रखने की बजाय बेचना उचित समझ रहे हैैं। वहीं ज्वेलर्स गोल्ड लोन देना चाहते हैैं। विष्णुपुरी के ओम ज्वेलर्स के नीरज वर्मा कहते हैैं कि लोगों के पास नकदी का संकट है। इसलिए बेचने वाले आ रहे हैैं। हम उन्हें बेचने से ज्यादा गोल्ड लोन के लाभ बताते हैं।

पुराने गहनों को ज्यादा बेच रहे लोग

नकदी संकट को दूर करने के लिए लोग पारंपरिक गहन बेच रहे हैं। वैवाहिक समारोह में उपहार स्वरूप मिलने वाली ज्वेलरी की अपेक्षा पुराना गहनों को बेचा जा रहा है। भाव अच्छा भी है, इसलिए लोग गोल्ड लोन से बच रहे हैं।

मनित अग्रवाल, सोनी ज्वेलर्स समद रोड


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