योगी की अलीगढ़ के उद्योग पर नजर, अब विदेशी बाजार में चमकेगा ताला Aligarh News
योगी सरकार ने ताला हार्डवेयर कारोबार की बेहतरी के लिए बड़ा फैसला लिया है। अलीगढ़ में नौ कॉमन फेसिलिटी सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। योगी सरकार ने ताला हार्डवेयर कारोबार की बेहतरी के लिए बड़ा फैसला लिया है। अलीगढ़ में नौ कॉमन फेसिलिटी सेंटर (सीएफसी) स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए पांच नवंबर तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी मांगी गई है। केंद्र वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के तहत पास किया गया है।
केंद्र सरकार करेगी 15 करोड़ खर्च
सीएफसी के लिए 20- 25 सदस्यीय उद्यमियों के समूह होंगे। केंद्र के लिए यह समूह भूमि उपलब्ध कराएगा। किसी भी सदस्य की 10 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी नहीं होगी। एक पर केंद्र सरकार 15 करोड़ रुपया तक खर्च करेगी। 20 फीसद धनराशि समूह को खर्च करनी होगी। योगी सरकार ने ताला-हार्डवेयर का चयन ओडीओपी के तहत किया है। इस कारोबार को विकसित करने के लिए सरकार उद्यमियों को संसाधन उपलब्ध करा रही है। उत्पादन की गुणवत्ता से लेकर चमक दमक यानी आकर्षण पर जोर है। देशी-विदेशी बाजार में धाक जमाने के लिए ये प्रयास हैं। उद्यमियों को आधुनिक तकनीक व कुशल कारीगर उपलब्ध कराना प्राथमिकता में शुमार हैं।
ये होंगे सीएफसी केंद्र
ताला हार्डवेयर की गुणवत्ता की बेहतरी के लिए नौ सीएफसी स्थापित होंगे, जिनमें रॉ मैटेरियल बैंक, टेस्टिंग लेबोरेटरी, डाई टैंपिङ्क्षरग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग एंड पीवीडी (फिजिकल वेपर डिजोजिशन) कोटिंग, डिजाइन डेवलपमेंट सेंटर का निर्माण होगा। इसके अलावा स्मार्ट इलेक्ट्रानिक लॉक्स के लिए नॉलेज सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर, विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, साथ ही कॉमन इनफ्लीमेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) तीन एकड़ भूमि में निर्माण किया जाएगा।
प्रशासन के समक्ष चुनौतियां भी नहीं होंगी कम
सीएफसी के लिए एक हजार से लेकर तीन एकड़ भूमि तक की जरूरत होगी। उद्यमी अगर समूह गठित करते हैं तो जमीन भी सोसाइटी के नाम होगी। पांच हजार वर्ग मीटर जमीन की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये होगी। जमीन उपलब्ध करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। लैंड भी औद्योगिक प्रयोग के लिए अधिकृत होना अनिवार्य है।
प्रक्रिया तेजी से होगी
उद्योग एवं प्रोत्साहन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीनाथ पासवान का कहना है कि नौ सीएफसी के निर्माण के लिए पांच नवंबर तक प्रोजेक्ट मांगे गए हैं। चयनित प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित हाईपावर कमेटी के समक्ष जाएंगे। यह प्रक्रिया बहुत तेजी से होगी।