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यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों के लिए जिम्मेदार हैं ये सब, जानकर हैरान रह जाएंगे आप भी

जिला प्रशासन ने गोशाला को हटाने व गोवंश को अन्य गोशाला में भेजने का निर्णय लिया है।ये गाय यमुना एक्सप्रेस वे को खतरा बनी हुईं हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 08:02 AM (IST)
यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों के लिए जिम्मेदार हैं ये सब, जानकर हैरान रह जाएंगे आप भी
यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों के लिए जिम्मेदार हैं ये सब, जानकर हैरान रह जाएंगे आप भी

अलीगढ़ (जेएनएन)। टप्पल कस्बे में यमुना एक्सप्रेसवे टप्पल इंटरचेंज पर संचालित श्याम पुरुषोत्तम उपगोशाला में क्षेत्र के गोवंश को रखने के लिए अस्थाई व्यवस्था प्रशासन ने की थी, जिसमें लगभग 1600 गोवंश है।जिला प्रशासन ने  गोशाला को हटाने व गोवंश को अन्य गोशाला में भेजने का निर्णय लिया है।ये गाय यमुना एक्सप्रेस वे को खतरा बनी हुईं हैं।

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आईआईटी दिल्ली की सेफ्टी ऑडिट ने दी रिपोर्ट

टप्पल स्थित इंटरचेंज पर बनी गोशाला से यमुना एक्सप्रेस वे को खतरा साबित हो रहा था। इसके संबंध में आइआइटी दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेस वे रोड का सेफ्टी ऑडिट किया, जिसमें टीम ने इंटरचेंज के नीचे संचालित गोशाला को अवैध बताते हुए वहां एकत्रित गायों को तत्काल हटाने की रिपोर्ट अथॉरिटी को दी। एक्सप्रेसवे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने टप्पल गोशाला हटाने को डीएम अलीगढ़ चंद्र भूषण सिंह को पत्र भेजा था। इसमें जिला प्रशासन ने टप्पल स्थित गोशाला को हटाने का निर्णय लेते हुए गोवंश को अन्य गोशाला में भेजने का निर्णय लिया।

हरकत में आया प्रशासन

 इसके तहत तीन ट्रकों में 32 गोवंश प्रशासनिक स्तर से उपजिलाधिकारी खैर ने सरकारी गोशाला गभाना में भिजवाए हैं। तहसीलदार खैर प्रवीन यादव ने बताया अस्थाई स्थित टप्पल गोशाला से गोवंशों को जनपद में स्थित विभिन्न गोशालाओं में नियमानुसार धीरे धीरे शिफ्ट किया जाएगा।

10 ट्रॉली चारे की जरूरत रोज

टप्पल स्थित गोशाला में गोवंशों के लिए प्रतिदिन 10 ट्रॉली चारे की आवश्यकता पड़ती है। इसकी व्यवस्था गोशाला संचालक विभिन्न संसाधनों से नित्य करते हैं।

51 कर्मचारी हैैं कार्यरत

गोशाला के व्यवस्थापक जसवीर ठेकेदार ने बताया कि वर्तमान में गोवंश के रखरखाव के लिए 51 कर्मचारी हैैं। जिनमें 17 महिला व 34 पुरुष हैैं। यहां एक सबमर्सिबल पंप है। जो 24 घंटे संचालित रहता है। जबकि लगभग दो सबमर्सिबल पंप गोशाला के लिए होने चाहिए। कर्मचारी ने बताया कि टप्पल गोशाला में सांडों की संख्या ज्यादा है, जिसके कारण अधिकांश गोवंश परेशान रहते हैं।


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