दीपों से दमका अलीगढ़, श्रद्धा की दहेरी पर पधारे लक्ष्मी -गणेश
सुख समृद्धि का प्रतीक दीपावली पर्व बुधवार को जिलेभर में मनाया गया। पारंपरिक रीत रिवाज से पूजा की गई।
अलीगढ़ (जेएनएन) । सुख समृद्धि का प्रतीक दीपावली पर्व बुधवार को जिलेभर में मनाया गया। पारंपरिक रीत रिवाज से पूजा की गई। इस मौके पर पूरा जिला रंगबिरंगी रोशनी से नहाया नजर आया। हर तरफ दीप जले। रंग बिरंगी झालरों से सजे व्यापारिक प्रतिष्ठान, बाजार व मकानों से बिखरती संतरंगी छटा से शहर जगमगा उठा। लोगों ने अपनी सुविधानुसार शुभ मुर्हुत में पूजन किया और एक दूसरे को उपहार दिए। शाम से ही आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया।
लोगों ने धन वैभव, ज्ञान आदि की समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी गणेश भगवान, महाकाली, सरस्वती एवं कुबेर भगवान की पूजा अर्चना की। इसके लिए सुबह से ही तैयारी चल रही थी। लोगों ने भगवान की मूर्तियों के अालावा सजावट का सामान और मिठाई आदि की जमकर खरीददारी की। इसके चलते दिनभर बाजारों में भीड़ रही। जाम न लगने के बाद भी प्रमुख बाजारों में भीड़ के चलते जाम जैसे हालात थे।
फूलों की रही अधिक मांग
त्योहार के चलते फूलों की अधिक मांग रही। खासकर गुलाब व कमल। गुलाब का फूल तो सामान्य दिनों की तुलना में काफी अधिक रेट पर बिका। गुलाब का फूल चालीस रुपये से लेकर पचास रुपये से अधिक तक पर बिका।
इस बार सात करोड़ की आतिशबाजी
दीवाली के त्योहार पर आतिशबाजी की एक परंपरा-सी चली आ रही है। अधिकांश लोग पटाखे छोडऩे के साथ ही दीवाली का जश्न मनाते हैं। अगर आतिशबाजों की मानें तो हर साल दीवाली पर सात करोड़ से अधिक की आतिशबाजी का धुआं उड़ जाता है। इस बार भी अच्छी खासी बिक्री हुई है। वैसे तो पूरे जिले में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पटाखा बाजार लगता है, लेकिन नुमाइश मैदान सबसे प्रमुख बाजार लगा। इस साल भी यहां के लिए करीब 216 लाइसेंस बांटे गए। इनमें से 200 के करीब दुकानें लगाई गईं। हर दुकान पर अच्छा खासा माल भरा पड़ा है। दुकानदारों की मानें तो नुमाइश मैदान से हर साल करीब चार करोड़ से अधिक की आतिशबाजी बिक जाती है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं दिख रहा असर
सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दिन महज दो घंटे की आतिशबाजी चलाने का आदेश सुनाया है। इसके पालन कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, लेकिन यहां इस आदेश का ज्यादा असर नहीं दिख रहा।