एएमयू में वर्ल्ड एलुमनी मीट आज, महामारी उपरांत समय में अवसर और चुनौतियों पर होगी चर्चा Aligarh news
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से वर्ल्ड एल्युमनाई मीट-2021 18 अक्टूबर को आनल लाइन आयोजित हाेगी। जिसके मुख्य अतिथि फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष व प्रख्यात हृदय सर्जन प्रो. डा अशोक सेठ होंगे। कार्यक्रम का आयोजन शाम सात बजे से होगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की ओर से वर्ल्ड एल्युमनाई मीट-2021 का आयोजन 18 अक्टूबर को आन लाइन हाेगी। जिसके मुख्य अतिथि फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष व प्रख्यात हृदय सर्जन प्रो. डा अशोक सेठ होंगे। कार्यक्रम का आयोजन शाम सात बजे से होगा।
आन लाइन होगा कार्यक्रम, कुलपति करेंगे अध्यक्षता
एएमयू पूर्व छात्र मामलों की समिति के अध्यक्ष प्रो. एमएम सुफियान बेग ने बताया कि आनलाइन कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. तारिक मंसूर करेंगे। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘महामारी उपरान्त समय में अवसर और चुनौतियां’ है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में प्रो. तलत अहमद, कुलपति, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर, डा शहीर खान, संस्थापक एएमयू नेटवर्क, सैन फ्रांसिस्को, यूएसए; इंजीनियर फैसल सलीम, स्मार्टड्राइव प्रोग्राम मैनेजर, फीनिक्स, यूएसए; और मिस हुमा खलील, विशिष्ट अतिथि होंगे। प्रो. बेग ने कहा कि कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लिंक https://amuevents.webex.com/amuevents/onstage/g.php?MTID=e59a49c24877895a4ed93999606287a43 पर पंजीकरण किया जा सकता है। तथा लिंक https://amu.ac.in/sub-page/amu-world-alumni-meet-2021 के माध्यम से कार्यक्रम को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा।
सर सैयद डे : समानता और सामाजिक बराबरी का प्रतीक है एएमयू : कुलपति
अलीगढ़ । एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि सर सैयद अहमद खां एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। जिनके कार्यों ने 19वीं सदी के उत्तरार्ध के दौरान इतिहास को बदल दिया। 1857 में विद्रोह को विफल कर दिया गया था। मध्यकालीन सामंती व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी और इसके साथ ही आर्थिक व्यवस्था चरमराई हुई थी। इसी बीच सर सैयद ने देशवासियों का मार्गदर्शन किया। एमएओ कालेज समानता के लिए खड़ा हुआ था। आज भी एएमयू अवसर की समानता और सामाजिक बराबरी का प्रतीक है। जाति, रंग या पंथ के आधार पर अंतर के बिना इसके दरवाजे सभी के लिए खुले हैं।सर सैयद के एजेंडे में शिक्षा को सदा वरीयता प्राप्त रही। 26 मई 1883 को पटना में दिए गए भाषण में सर सैयद ने कहा था कि ‘यह दुनिया के सभी राष्ट्रों और महान संतों का स्पष्ट निर्णय है कि राष्ट्रीय प्रगति लोगों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर निर्भर करती है। इसलिए, यदि हम अपने राष्ट्र की समृद्धि और विकास चाहते हैं तो हमें अपने लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के लिए प्रयास करना चाहिए’। प्रो. मंसूर ने जोर देकर कहा कि सर सैयद ने आधुनिक शिक्षा के विचार को समानता, तर्कवाद और सुधारों के साथ जोड़ा था। कुलपति ने कहा कि सर सैयद ने साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की और अलीगढ़ गजट और तहज़ीबुल अख़लाक़ शुरू किया। कुलपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, खाद्य प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में दो नए बीटेक पाठ्यक्रम, डेटा विज्ञान में मास्टर कार्यक्रम, साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक सहित कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। यूनानी चिकित्सा के चार क्षेत्रों में एमडी, एमए (स्ट्रेटजिक स्टडीज़) और एम.सीएच (न्यूरोसर्जरी) के अतिरिक्त बीएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल साइंसेज तथा डीएम (कार्डियोलोजी) भी प्रारंभ किए गए हैं। उम्मीद जताई कि जल्द ही एमबीबीएस सीटों की संख्या 150 से बढ़ाकर 200 कर दी जाएगी। कोविड महामारी के बावजूद कालेज आफ नर्सिंग व कालेज आफ पैरामेडिकल साइंसेज, कार्डियोलोजी विभाग और तीन केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें खाद्य प्रौद्योगिकी केंद्र, कृत्रिम बुद्धिमत्ता केन्द्र और हरित और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित केन्द्र शामिल हैं। जेएन मेडिकल कालेज के बुनियादी चिकित्सा ढांचे को कोविड की तीसरी लहर की आशंका के दृष्टिगत चुस्त दुरस्त किया गया है।