Triple Talaq: भावुक होकर महिला बोली, घर आने की खुशी कम न थी
तीन तलाक कानून को लेकर महिलाएं बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि इस कानून से अनेक ऐसी महिलाओं को न्याय मिला है जो मजबूर होकर शोषण सहती रहती थीं।
अलीगढ़ जेएनएन: तीन तलाक कानून को लेकर महिलाएं बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि इस कानून से अनेक ऐसी महिलाओं को न्याय मिला है, जो मजबूर होकर शोषण सहती रहती थीं, लेकिन तीन तलाक कानून ने अब नहीं जिंदगी दी है अगर आपका दिल नहीं मिलता है तो कायदे से अपनी बात रखकर अलग रह सकते हैं। मारपीट करना गलत है। फिर तीन तलाक...। ये एक शब्द कहकर निकालना जीवन बर्बाद करना ही है। तीन तलाक कानून के बाद महिलाओं को न्याय मिला है। इसलिए मैं आज अपने पति के साथ खुश हूं। यह कहते हुए सिविल लाइन क्षेत्र की महिला भावुक हो गई। आंखें भरी होने पर भी घर आने की खुशी कम न थी। निकाह 12 साल पहले क्वार्सी क्षेत्र के जीवनगढ़ में हुआ। कुछ साल बाद दिक्कतें शुरू हो गईं। दहेज की मांग ने मायके वालों को भी परेशान कर दिया।
घर से निकालने पर हिम्मत नहीं हारी
अप्रैल 2019 में घर से निकालने पर वह हिम्मत नहीं हारी और थाने पहुंच गई। ससुरालीजनों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। इस मामले में 13 दिसंबर 2019 को तारीख करने कचहरी गई तो वहां मौजूद शौहर ने तीन तलाक का फरमान सुना दिया। धमकी दी कि शिकायत की तो काटकर बहा दूंगा। इस सबसे वह डरी नहीं। एसएसपी को पूरी जानकारी देकर तीन तलाक कानून को हथियार बनाया। 30 दिसंबर 2019 को सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करा हक की लड़ाई शुरू कर दी। कठिनाइयां आईं, लेकिन पुलिस मददगार बनी। दोनों पक्षों को मीडिएशन सेंटर में कई बार बुलवाया गया। परिणाम सुखद रहा, समझौता हो गया।
काम भी किया, लड़ाई भी लड़ी
महिला पर एक बेटा है, जिसकी परवरिश घर छोडऩे के बाद चुनौती बन गई। वह पीएचडी किए हुए हैं। तब एक स्कूल में पढ़ाती थीं। समझौता होने के बाद अब ऑनलाइन क्लासेज चलाती हैं। जल्द ही कोचिंग खोलने की तैयारी है। पति भी मेडिकल स्टोर संचालक हैं।