अलीगढ़ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास को लगे पंख, यह बनी रणनीती Aligarh news
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में अलीगढ़ ने दूसरी सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश में सबसे पहले पलवल मार्ग पर अंडला मेें 45.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया।
अलीगढ़ [जेएनएन] : डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में अलीगढ़ ने दूसरी सफलता हासिल की है। उत्तर प्रदेश में सबसे पहले पलवल मार्ग पर अंडला मेें 45.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था। अब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने निवेशकों के लिए जमीन के रेट भी 430 रुपये प्रति वर्गमीटर तय कर दिए हैैं। रक्षा मंत्रालय के सलाहकार के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी निवेशकों के प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी।
डिफेंस कॉरिडोर विकसित करने में एफआइएम कि महत्वपूर्ण भूमिका
शुक्रवार को होटल आभा रीजेंसी में हुई कारोबारियों की बैठक में फेडरेशन ऑफ मैन्युफैक्चरर (एफआइएम) की उपलब्धियों को बताया गया। डिफेंस कॉरिडोर विकसित करने में एफआइएम महत्वपूर्ण भूमिका में है, जिसके अध्यक्ष धनजीत वाड्रा, सचिव मुकेश जैन, समन्वयक नवनीत वाष्र्णेय व सदस्य मोहित गुप्ता हैैं। बैठक में लघु उद्योग भारती, तालानगरी विकास एसोसिएशन, लॉक्स एंड हार्डवेयर निर्माता एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों से भी सुझाव मांगे गए।
स्थानीय की नहीं होगी अनदेखी
तय हुआ कि सरकार पर डिफेंस कॉरिडोर की ढांचागत व्यवस्थाओं के लिए दबाव बनाएंगे, ताकि रक्षा हथियारों में प्रयोग होने वाले पाट्र्स तैयार किए जा सकें। वाड्रा ने कहा कि विदेशी निवेश का स्वागत तो होगा ही, अलीगढ़ के निवेशकों की अनदेखी भी नहीं होगी।
वेंडर बनकर न रह जाएं उद्यम
यूपी डिफेंस कॉरिडोर समिट की मेजबानी कर चुके निर्यातक मनीष बंसल का कहना है कि अलीगढ़ के उद्यमियों को निवेश का पूरा मौका मिलना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। स्थानीय उद्यमी वेंडर बनकर न रह जाएं। इसके लिए वित्त व रक्षा मंत्रालय पर दबाव बनाना होगा।
जमीन के रेट तय
एफआइएम, सचिव मुकेश जैन यूपीडा ने जमीन के रेट तय कर दिए हैं। 15 फरवरी के बाद आवेदन व प्रस्ताव मांगे जाएंगे। व्यापारी संगठनों की मांग पर जनरल मैन्युफैक्चङ्क्षरग के लिए प्लॉट आवंटन का भी प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जमीन का दायरा बढ़ाने की मांग करेंगे। हम प्लग एंड प्ले के तहत सरकार के साथ काम करना चाहते हैं, ताकि औद्योगिक यूनिट पर खर्च होने वाली रकम का उत्पादन पर निवेश कर सकें। इसी के तहत एमएसएमई पार्क बनेगा। लघु उद्योग भारती जिलाध्यक्ष,गौरव मित्तल डिफेंस कॉरिडोर में सरकार एमएसएमई कारोबारियों की अनदेखी कर रही है। इस तबके को 50 फीसद हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। हम इसे विकसित करने में पूरा सहयोग देंगे।
अलीगढ़ में कॉरिडोर पहले चरण में विकसित होगा
डिफेंस कॉरिडोर के पहले चरण में सात जिले आगरा, झांसी, चित्रकूट, लखनऊ, कानपुर व अलीगढ़ को शामिल किया गया है। एफआइएम सदस्य मोहित गुप्ता ने कहा कि अलीगढ़ में कॉरिडोर पहले चरण में विकसित होगा। संसाधनों को देखते हुए रक्षा मंत्रालय यहां मुख्यालय बना सकता है।
ग्रेडिंग के आधार पर भूमि आवंटन
यूपीडा के सीईओ प्लॉट आवंटन करेंगे। इसके लिए गठित कमेटी के सदस्य प्रस्तव समेत अन्य दस्तावेजों का आकलन करेंगे। कमेटी में यूपीडा के असिस्टेंट चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, फाइनेंसियल कंट्रोलर, सीनियर डिफेंस एडवाइजर, रक्षा मंत्रालय के रक्षा विशेषज्ञ, ऑफीसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी), भूमि अधिग्रहण अधिकारी, टाउन प्लानर, रक्षा मंत्रालय अर्थविभाग के अधिकारी सदस्य होंगे। लघु उद्योग भारती के संरक्षक डॉ. राजीव अग्रवाल, तालानगरी औद्योगिक विकास समिति के अध्यक्ष नेकराम शर्मा, रक्षा हथियारों के कलपुर्जे निर्माता व निर्यातक तरुण सक्सेना, ललेश सक्सेना, लॉक्स एंड हार्डवेयर निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन खंडेलवाल, दीपक पचौरी, संजय झा, प्रवीन शर्मा, विकास, उपेंद्र पांडेय आदि।