जानिए, अलीगढ़ में जब्त 69 ट्रकों को छुड़ाने क्यों नहीं आ रहे मालिक?
अलीगढ़ : नुमाइश मैदान में पकड़े गए बालू-बदरपुर से लदे ट्रकों के मालिक तिहरी मार से दब गए हैं। कार्रव
अलीगढ़ : नुमाइश मैदान में पकड़े गए बालू-बदरपुर से लदे ट्रकों के मालिक तिहरी मार से दब गए हैं। कार्रवाई के चार दिन बाद भी कोई ट्रक छुड़ाने नहीं पहुंचा। ट्रक स्वामियों पर ओवरलोडिंग, खनन व अवैध रूप से नुमाइश मैदान का प्रयोग करने के आरोप में कार्रवाई की गई थी। एक ट्रक को 90 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ रहा है। खनन में शुल्क से छह गुना अधिक वसूला जाएगा।
शुक्रवार सुबह पुलिस-प्रशासन व परिवहन विभाग की टीम ने 69 ट्रकों को पकड़ा था। एक ट्रक चालक ने एसीएम की कार को टक्कर मार कर कुचलने का प्रयास किया। सभी नुमाइश मैदान में खड़े हैं। परिवहन विभाग ने इन पर ओवरलोडिंग, खनन विभाग ने बिना अनुमति के बालू- बदरपुर का स्टॉक करने व नुमाइश प्रबंधन ने मैदान का प्रयोग करने का शुल्क लगाया है। एक ट्रक पर 65 से 70 हजार का अर्थदंड लगा है।
होगा दस गुना जुर्माना : डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि ठेका न उठने तक व्यवस्था की गई है कि बालू, बदरपुर, गिट्टी के ट्रकों को नुमाइश मैदान में ही खड़ा किया जाएगा। एक ट्रक से 1500 रुपये प्रतिदिन लिए जाएंगे। प्रशासनिक टीम पर्ची काटेगी। शहर में अन्य किसी अन्य स्थान पर कोई वाहन खड़ा मिलता है तो उस पर तय शुल्क से दस गुना जुर्माना होगा।
कार्रवाई पर सवाल : आरटीआइ कार्यकर्ता विमल खेमानी का कहना है सरकारी रिकार्डो में नुमाइश मैदान निजी संस्था का है। इसमें कानून का पालन नहीं होता है। इस मामले में जिस तरह से डीएम की तरफ से रुचि ली जा रही है, उससे सवाल उठना तय है।
माफिया भी कार्रवाई से दूर : प्रशासन ने ट्रक मालिकों पर भले ही शिकंजा कस दिया हो, लेकिन असली माफिया तो अभी भी इससे दूर हैं। ट्रक चालकों की ही मानें तो ट्रक खड़ा करने के लिए उनसे वसूली होती है। इसमें कई लोगों की भागीदारी होती है। ठेके की तरह ही इन्हें रुपये दिए जाते थे। इस बात की पुष्टि इससे भी होती है कि अफसरों का वहां से हर रोज आना-जाना था तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। बन्नादेवी थाना भी ठीक सामने है।
प्रशासन को गंगा में नहीं दिखता खनन : कांग्रेस के पूर्व सासद चौ. बिजेंद्र सिंह ट्रक मालिकों के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे भ्रष्टाचार से जोड़ा है। भाजपा के माननीयों को भी कठघरे में खड़ा किया है। प्रशासन पर तंज कसा है कि सांकरा गंगा में अवैध खनन हो रहा है। वहां प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?