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मेयर मोहम्मद फुरकान के गंगाजल पीने पर यह हंगामा क्यों बरपा? Aligarh News

भाजपा सांसद सतीश गौतम द्वारा मेयर मोहम्मद फुरकान को गंगा जल पिलाने से हंगामा खड़ा हो गया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 09:10 AM (IST)
मेयर मोहम्मद फुरकान के गंगाजल पीने पर यह हंगामा क्यों बरपा? Aligarh News
मेयर मोहम्मद फुरकान के गंगाजल पीने पर यह हंगामा क्यों बरपा? Aligarh News

राजनारायण सिंह अलीगढ़ :  भाजपा सांसद सतीश गौतम द्वारा मेयर मोहम्मद फुरकान को गंगा जल पिलाने से हंगामा खड़ा हो गया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तीन दिन पहले कंट्रोल रूम की आधारशिला रखने के दौरान हुई पूजा अर्चना में सांसद ने मेयर को गंगा जल से आचमन कराया था।

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सांसद मांगे माफी

सपा नेत्री सपा की पूर्व महानगर अध्यक्ष रूबीना खानम ने कहा है कि सांसद को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्हें मुस्लिम समाज से माफी मांगनी चाहिए। अलकुरैश वेलफेयर सोसायटी ने भी मेयर के इस कार्य पर नाराजगी जताई है। रूबीना खानम का आरोप है कि सांसद सतीश गौतम ने मेयर फुरकान अहमद को जबरन गंगाजल पिलाया। सांसद को कोई ऐसा अधिकार नहीं है कि वे किसी को भी जबरन अपनी पूजा पद्धति में शामिल करें। सांसद के इस व्यवहार से अलीगढ़ के मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। सांसद को माफी मांगनी चाहिए। अलकुरैश वेलफेयर सोसायटी के प्रवक्ता नदीम कुरैशी ने कहा है कि मेयर को गंगाजल नहीं पीना चाहिए था। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, मगर पूजा पद्धति अपनी अलग है। मेयर के इस कार्य से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

गंगाजल पीना गलत नहीं

एएमयू के थियोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व चेयरमैन मुफ्ती जाहिद अली ने कहा कि इस्लाम में खुदा के अलावा किसी की भी इबादत हराम है। मगर, गंगाजल पीने में कोई हर्ज नहीं है। इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए ठीक है। अब लोगों ने उसे गंदा कर दिया है। मुझे ऐसा लगता है कि मेयर शिलान्यास के समय पूजा में नहीं बैठे थे। मेयर के चलते उनका वहां मौजूद रहना जरूरी था। इसे पूजा नहीं कहा जा सकता है। इसलिए कुछ लोग सियासत करना चाहते हैं, यह गलत है। अपने मजहब के मुताबिक हर किसी को पूजा करने का अधिकार है। 

इसमें कोई दोष नहीं

सांसद सतीश गौतम का कहना है कि गंगाजल जो भी लेगा, उसका शुद्धिकरण हो जाता है। इसमें कोई भी हो, उसे दोष नहीं लगता और न ही भावनाएं आहत होती हैं। वैसे, पूजन में सामान्य रूप से सभी बैठे थे, उसमें पंडितजी ने बिना भेदभाव के सबको गंगाजल दिया था, इस पर राजनीति करना गलत है।


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