अलीगढ़ में एसडीएम, डीएसओ के खिलाफ क्यों किया गया वाद दायर?, ये है वजह
राशन की कालाबाजारी करने वाले और अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात-पात का खेल चल रहा है। मौजूदा हाल यह है कि कालाबाजारी करने वाले इतने हावी हैं कि उन्होंने एसडीएम और डीएसओ तक को नहीं बख्शा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। राशन की कालाबाजारी करने वाले और अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात-पात का खेल चल रहा है। मौजूदा हाल यह है कि कालाबाजारी करने वाले इतने हावी हैं कि उन्होंने एसडीएम और डीएसओ तक को नहीं बख्शा है।
पुलिस से मांगी आख्या
राशन की कालाबाजारी में एसडीएम कोल, डीएसओ, पूर्ति निरीक्षक समेत छह लोगों के विरुद्ध कोर्ट में वाद दायर किया गया है। शिकायतकर्ता ने इन पर सरकारी पदों का दुरुपयोग करने व धमकाने के भी आरोप लगाए हैं। कोर्ट ने 26 अक्टूबर तक पुलिस से आख्या मांगी है।
यह था मामला
आवास विकास कॉलोनी जेल रोड निवासी दिनेश पाठक ने अपने वकील अनूप कौशिक के माध्यम से 156 (3) के तहत वाद दायर किया है। वकील के मुताबिक 29 अगस्त को गभाना के महरावल में राशन के गेहंू की कालाबाजारी की सूचना पर मीडियाकर्मी दिनेश कवरेज करने पहुंचे। यहां मेसर्स विभूति फूड्स प्लोर मिल में सरकारी गेहंू टै्रक्टर से उतारा जा रहा था। कवरेज करने के बाद एसडीएम व संबंधित विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई, मगर कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि फ्लोर मिल का लाइसेंस पूर्ति विभाग के लिपिक विपुल प्रताप सिंह की पत्नी शालिनी सिंह के नाम पर है, इसके साक्ष्य का भी दावा किया है। विभागीय अधिकारियों की इसमें हिस्सेदारी बताई है। एसडीएम कोल सहयोग करते हैं। शासन, प्रशासन से शिकायतें की गईं, चार अक्टूबर को एसएसपी को भी पत्र लिखा। शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
इन्हें किया गया है आरोपित
वकील अनूप ने बताया कि वाद में एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह, डीएसओ नीरज सिंह, पूर्ति निरीक्षक प्रमोद व नवल किशोर, लिपिक विपुल व इनकी पत्नी को आरोपित किया है। सीजेएम कोर्ट ने प्रकीर्ण वाद दर्ज कर गभाना इंस्पेक्टर से 26 अक्टूबर तक आख्या मांगी है।