रोडवेज के 22 चालक-परिचालकों की संविदा क्यों कर दी खत्म?
एसटीएफ की जांच के बाद चल रहे थे अनुपस्थित।
अलीगढ़ : रोडवेज में करोड़ों के फर्जी टिकट का पर्दाफाश होने के बाद अचानक गैरहाजिर हुए 22 चालक-परिचालक की संविदा खत्म कर दी गई है। इनमें से आठ कर्मी बुद्ध विहार डिपो और 14 हाथरस डिपो के हैं। हाथरस से वाया आगरा-मथुरा रूट पर ड्यूटी करने वाले इन कर्मचारियों की बसों का डीजल एवरेज भी कम मिला है। इसके लिए क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) ने दोनों ही डिपो के सहायक प्रबंधक व संबंधित फोरमैन से लिखित स्पष्टीकरण तलब किया है।
एसटीएफ की कार्रवाई में माफिया सरगना समेत 11 लोगों की गिरफ्तारी से पता लगा कि यह गिरोह सूबेभर के 270 लोगों तक पसरा हुआ है। इनमें से कई को अपनी गिरफ्तारी का डर है। इसी कारण संविदा वाले कई चालक-परिचालक नौकरी पर ही नहीं लौटे। यह बात तब मालूम हुई, जब बुद्ध विहार व हाथरस डिपो की ट्रिप वाइज समीक्षा की गई। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि ये चालक-परिचालक कम आय कर पा रहे थे। इनकी बसों का डीजल औसत भी चार किलोमीटर प्रति लीटर ही था, जबकि अन्य में पांच से छह है। अभी रीजन के सातों डिपो की ट्रिप-वाइज समीक्षा रिपोर्ट बन रही है। उसमें भी बड़ी संख्या में ऐसे चालक-परिचालक मिलने तय हैं।
इनकी गई नौकरी
बुद्ध विहार डिपो के चालक सत्यदेव शर्मा, धर्मेंद्र कुमार, सत्यप्रकाश, मनोज कुमार व प्रकाश सिंह और परिचालक सुरजीत चौधरी, दिवाकर उपाध्याय व अशोक कुमार। हाथरस डिपो के चालक मुनेश कुमार, गुड्डू सिंह, धर्मेद्र कुमार, चंद्रवीर सिंह, ¨रकू सिंह व शांतिस्वरूप, परिचालक गिरीश कुमार, विमल कुमार, अवध कुमार, हरवीर सिंह, कृष्ण मुरारी, मुकेश रावत, रतन सिंह व सतेंद्र सिंह।
ये कई दिन से गैर हाजिर थे
क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल त्रिपाठी का कहना है कि आगरा-मथुरा व हाथरस रूट के 22 चालक-परिचालकों की संविदा खत्म की गई है। ये कई दिन से गैरहाजिर थे। इनकी आय व डीजल एवरेज काफी कम मिला है। दूसरे डिपो की समीक्षा भी कर रहे हैं। जिनकी आय कम होगी, उन्हें भी हटाएंगे।