...जो खून गिरा पुलवामा में, उसका सब कर्ज चुका आए
दैनिक जागरण के संयोजन मेें नामचीन कवियों ने देर रात तक काव्य पाठ किया। पुलवामा हमले के बाद जिले में पहली बार हुआ यह कवि सम्मेलन देश के नाम रहा।
हाथरस (जेएनएन)। काव्य नगरी हाथरस में एक बार फिर दैनिक जागरण के संयोजन मेें रात हास्य की बौछार हुई, गीतों की फुहार चली और ओज की हुंकार भरी गई। देश भर से आए नामचीन कवियों ने देर रात तक काव्य पाठ किया। पुलवामा हमले के बाद जिले में पहली बार हुआ यह कवि सम्मेलन देश के नाम रहा।
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी ने बढ़ाया उत्साह
मैैंडू स्थित दीप इंटर कॉलेज के मैदान में दिल्ली पब्लिक स्कूल के सहयोग से हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ सदर विधायक हरिशंकर माहौर, सिकंदराराऊ विधायक वीरेंद्र सिंह राणा, भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य, चेयरमैन नगर पंचायत मैैंडू मनोहर सिंह आर्य, दैनिक जागरण अलीगढ़ के संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी व यूनिट हेड दीपक दुबे ने दीप प्रज्वलन व सरस्वती मां के छवि चित्र पर माल्यार्पण करके किया। रात तक रुके जनप्रतिनिधियों ने लोगों का उत्साह बढ़ाया। संचालन ओज कवि विनीत चौहान ने किया।
...घर में घुसकर ठोंक दिया
हास्य व्यंगकार डॉ. सुनील जोगी ने काव्य पाठ करते हुए सुनाया-
'पुलवामा पर हमला करके पीठ में खंजर घोंप दिया, हम भी हिंदुस्तानी ठहरे, घर में घुसकर ठोंक दिया।' 'जो सबूत मांगे उनका खतना करवा दो मोदी जी, धारा 370 अबकी बार हटा दो मोदी जी।'
आगरा से आए व्यंगकार रमेश मुस्कान ने भी अपनी रचनाओं से माहौल को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया।
...12 दिन में 12 मिराज जाकर सब मर्ज मिटा आए
ओज कवि विनीत चौहान ने एयर स्ट्राइक पर सुनाया-
'क्यों नींद पाक की उड़ी हुई भारत के चंद फैसलों से, हो गई विश्वभर में हलचल मोदी के द्वंद हौसलों से।
लो हमने दुम सीधी कर दी उस कायर क्रूर पड़ोसी की, जो फुदक रहा था आड़ लिए उस चीनी बिल्ली मौसी की।
12 दिन में 12 मिराज जाकर सब मर्ज मिटा आए, जो खून गिरा पुलवामा में, उसका सब कर्ज चुका आए।
...हमारा पलड़ा भारी है
इंदौर से आईं गीतकार भुवन मोहिनी ने सुनाया, 'तिरंगे की छटा हमको हमारी जान से प्यारी है, लहू के कतरे-कतरे से नजर इसकी उतारी है। पड़ोसी मुल्क के हमलों ने हमको बारहा तोला, हमारा पलड़ा भारी था, हमारा पलड़ा भारी है।'
अब दुश्मन मतलब समझेगा धोखे का परिणाम
दिल्ली से आए कवि चिराग जैन ने सुनाया,
'आंसू भेजे हैैं घाटी ने, चिथड़े बीने हैं माटी ने, फिर धोखे से वार किया है कायरता की परिपाटी ने। अब दुश्मन मतलब समझेगा धोखे के परिणाम का, अंतिम पन्ना हम लिखेंगे इस भीषण संग्राम का।'
...धोखे से पुलवामा में हुए जो शहीद
अंतरराष्ट्रीय कवि व प्रख्यात गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना ने सुनाया,
'जिनकी वजह से दीवाली और ईद है।
ये सभी निगाहें उन्हीं की मुरीद है।
मेरे तमाम गीत आज उनके नाम हैैं।
धोखे से पुलवामा में हुए जो शहीद हैं।'
सम्मान पाकर अभिभूत हुए कविगण
साहित्यकारों को सम्मानित करने की अपनी पुरानी परंपरा को निभाते हुए दैनिक जागरण के अखिल भारतीय महाकवि सम्मेलन में कवियों को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। हाथरस काव्य रस की नगरी है। काका हाथरसी व निर्भय हाथरसी जैसे कवियों ने पूरे देश में जिले का नाम रोशन किया है। यह भी एक वजह है कि हाथरस की जनता काव्य प्रेमी है और इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रमों में रुचि दिखाती है। उत्साहवर्धन कर लोगों ने तो कवियों को सराहा ही, दैनिक जागरण ने भी कवियों का सम्मान किया। अतिथियों के साथ संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी व यूनिट हेड दीपक दुबे व टीम ने कवियों का सम्मान किया। इस दौरान अलीगढ़ के ब्रांड हेड रंजीत सिंह, हाथरस के ब्यूरो हेड हिमांशु गुप्ता, विज्ञापन हेड अंकित शुक्ला, कपिल शर्मा, नीरज सौंखिया, नवीन कुलश्रेष्ठ, प्रमोद सिंह, अंकुर शर्मा, आकाशदीप, विनय सारस्वत, शुभम उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।
जोश से लबरेज नजर आए श्रोता
हर बार की तरह इस बार का कवि सम्मेलन भी अनूठा रहा। कवियों ने अपनी नई रचनाओं से श्रोताओं में जोश भर दिया। देश व जवानों पर हुए काव्य पाठ ने श्रोताओं को रोमांचित कर दिया। विनीत चौहान ने समा बांध दिया। कस्बे में केवल विनीत चौहान की दहाड़ ही सुनाई दे रही थी। उनकी हर लाइन लोगों से रौंगटे खड़े हो गए। इसी तरह डॉ. विष्णु सक्सेना व डॉ. सुनील जोगी ने सेना व देश प्रेमी जनता के मर्म को अपनी रचनाओं के जरिए प्रस्तुत किया। देश भक्ति से ओत-प्रोत श्रोताओं के कभी अश्रु छलके तो कभी जोश व सेना की कार्रवाई की खुशी में कवियों का तालियों से अभिवादन किया। दैनिक जागरण का यह कवि सम्मेलन भी यादगार रहा। अंत तक लोग कुर्सियों पर जम रहे।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना, एएसपी सिद्धार्थ वर्मा, इंस्पेक्टर शशिप्रकाश शर्मा, व्यापारियों में राजकुमार खेतान, रामकुमार अग्रवाल नमकीन वाले, राकेश बंसल, मनोज आर्य, अशोक अग्रवाल, प्रेमपाल ङ्क्षसह, रामू प्रसाद शर्मा हसायन, देवेंद्र कुमार आर्य, रजनेश सिंह, निर्मल धनगर, रजनेश कुशवाह, पवन तिवारी, अमित श्रोती, सुधीर चौधरी, कृष्णा दीक्षित, विजय वाष्र्णेय, अजय तिवारी आदि।