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जहां कभी दौड़ता था हाथी, अब वहां दिख रहा कमल, पसंद कर रहे लोग

अलीगढ़ की सातो विधानसभा सीट पर भाजपा की विजय हुयी है। हालांकि इस बार कुछ नयी चीजें भी देखने को मिलीं। अभी तक जिन क्षेत्रों में बसपा का एक छत्र राज रहता था वहां भी लोगों ने कमल को पसंद किया। लोगों ने भाजपा भरोसा जताया है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 12 Mar 2022 10:02 AM (IST)Updated: Sat, 12 Mar 2022 10:15 AM (IST)
जहां कभी दौड़ता था हाथी, अब वहां दिख रहा कमल, पसंद कर रहे लोग
विधानसभा चुनाव में काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । विधानसभा चुनाव में काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जहां कभी हाथी दौंड़ता था, अब वहां पर फूल भी खिल रहा है। कोल, शहर व इगलास विधानसभा क्षेत्र में अधिसूचति बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा के वोट मिले हैं। मुस्लिम क्षेत्रों में भी इक्का-दुक्का लाभार्थी वोटर ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। इन सब मतदाताओं ने ही मिलकर जीत की नींव रखी है। कोल विधानसभा क्षेत्र में नौरंगाबाद छावनी क्षेत्र में अच्‍छी संख्या में अनुसूचति जाति के मतदाता रहते हैं। हर बार यहां हाथी के खाते में बड़ी संख्या में वोट जाते थे, लेकिन इस बार कमल के खाते में भी वोट गए हैं। धौरामाफी, दोदपुर व जमालपुर में भी भाजपा को एक-दो वोट मिा है। खैर विधानसभा क्षेत्र में कई अनुसूचित बाहुल्य गांव में भाजपा को बसपा के बराबर ही वोट मिले हैं। यही हाल इगलास विधानसभा क्षेत्र का है। यहां भी अनुसूचित जाति के मतदाताओं ने भाजपा पर भरोसा जताया है। हालांकि, यह दोनों सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

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कोल व शहर में भाजपा का 13 बूथों पर नहीं खुला खाता 

भाजपा ने भले ही जिले में सातों सीटों पर जीत दर्ज की हो, लेकिन कोल व शहर विधानसभ में 13 बूथ ऐसे हैं, जहां पर भाजपा का खाता तक नहीं खुला है। शहर विधानसभ क्षेत्र के छह बूथों पर भाजपा प्रत्याशी मुक्ता राजा का खाता नहीं खुला है। कोल में भाजपा प्रत्याशी अनिल पाराशर को सात बूथों पर भाजपा को एक भी वोट नहीं मिला है। शहर के सपा प्रत्याशी जफर आलम व कोल के अज्जू इशहाक को हर बूथ पर वोट मिले हैं। सपा के दोनों विधानसभाओं में एक भी बूथ नहीं हैं, जहां पर वोट नहीं पड़े हों। हर जगह खाता खुला है। 

मुस्लिम इलाकों में भी नहीं खुला बसपा का खाता 

शहर व कोल विधानसभा क्षेत्र से  बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन इन प्रत्याशियों को कई मुस्लिम इलाकों के बूथों पर भी खाता नहीं खुला है। कोल विधानसभा में 20 से अधिक बूथों पर बसपा प्रत्याशी को एक भी वोट नहीं मिला है। ऐसे ही शहर से रजिया खान को 20 से अधिक बूथों पर खाता नहीं खुला हैं।


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