अलीगढ़ के इस साइबर कैफे पर ऐसा क्या हुआ जो कर दिया गया सील?
शहर के इस साइबर कैफे पर ऐसा कुछ हुआ कि अधिकारी सील करने पर मजबूर हो गए। आरोपितों को पकडऩे के लिए पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की।
अलीगढ़ (जेएनएन)। शहर के इस साइबर कैफे पर ऐसा कुछ हुआ कि अधिकारी सील करने पर मजबूर हो गए। आरोपितों को पकडऩे के लिए पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की। अचलताल पर मौजूद इस साइबर कैफे को बंद करा दिया। यहां से एक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया गया है।
यह था मामला
पिछले दिनों नगला तिकोना निवासी गायत्री देवी ने डीएम वार रूम पर शिकायत की थी कि फोन पर उनसे कांशीराम आवास दिलाने के नाम पर 10 हजार मांगे गए हैं। फोन करने वालों ने अपने नाम निर्मल सक्सेना व आलोक सक्सेना बताए हैं। धमकी दी है कि पैसे नहीं मिले तो आवास आवंटन को निरस्त कर दिया जाएगा। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने एडीएम प्रशासन को जांच सौंपी। दोनों नंबरों की जांच की गई। बुधवार को एसीएम प्रथम रंजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की टीम अचलताल पर द्वारिकापुरी में संचालित आलोक व निर्मला सक्सेना के डायल कॉर्नर साइबर कैफे पर पहुंची। टीम ने आवास दिलाने से संबंधित फॉर्म, आधार कार्ड, आय प्रमाणपत्र, फोटो बरामद किए। यहां मौजूद एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। कैफे को सील कर दिया।
घूस मांगने वाले पर होगी कार्रवाई
एसीएम ने बताया कि आलोक सक्सेना के सामने आने के बाद ही हिरासत वाले व्यक्ति को छोड़ा जाएगा। घूस मांगने वालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।
प्रमाणपत्र पर वसूली की एसडीएम करेंगे जांच
भाजपा बृज क्षेत्र के उपाध्यक्ष मानवेंद्र प्रताप सिंह ने डीएम से शिकायत की थी कि प्रमाण पत्रों के नाम पर 500 रुपये तक वसूले जा रहे हैैं। सबसे अधिक शिकायतें कोल तहसील में संचालित केंद्रों की थीं। डीएम ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं।
आवासों पर अवैध कब्जा करने वाले किए जाएंगे बाहर
बरौला जाफराबाद में करीब 1500 कांशीराम आवास हैं। डीएम ने इनका आवंटन शुरू कर दिया है। हर सप्ताह तमाम लोगों को आवास दिए जा रहे हैं। इन आवासों में कुछ लोग कब्जा कर रह रहे हैं। वे आवंटियों को कब्जा नहीं देते है। पैसे मांगते हैं। डीएम ने एडीए अफसरों को कार्रवाई कर ऐसे लोगों को बाहर निकालने के निर्देश दिए हैैं।