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ऐसा क्या हुआ जो आचार संहिता में बुलाई जिला सहकारी बैंक की बोर्ड बैठक?

जिला सहकारी बैंक के अफसर आचार संहिता के उल्लंघन में फंस सकते हैं। 25 अप्रैल को रेलवे रोड कोयला बाली गली स्थित बैंक मुख्यालय पर बोर्ड की बैठक बुलाई गई।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 03:12 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 03:12 PM (IST)
ऐसा क्या हुआ जो आचार संहिता में बुलाई जिला सहकारी बैंक की बोर्ड बैठक?
ऐसा क्या हुआ जो आचार संहिता में बुलाई जिला सहकारी बैंक की बोर्ड बैठक?

अलीगढ़ (जेएनएन)। जिला सहकारी बैंक के अफसर आचार संहिता के उल्लंघन में फंस सकते हैं। 25 अप्रैल को रेलवे रोड कोयला बाली गली स्थित बैंक मुख्यालय पर बोर्ड की बैठक बुलाई गई। इसमें निदेशक भाग लेने के लिए भी पहुंचे। एजेंडा में 27 बिंदुओं को भी शामिल किया गया। 16 अप्रैल को एजेंडा की निदेशकों को इस बैठक की सूचना व पत्रावली बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी विवेक भार्गव ने द्वारा भेजी गई। मंगलवार को बैंक के ही एक अफसर (गबन के मामले में निलंबित) ने इसकी शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी है। जिसमें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का दावा किया गया है।

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यह था मामला

जिला सहकारी बैंक के बोर्ड की तिमाही बैठक आयोजित करने का प्रावधान है। बकौल सचिव बैंक की अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमारी के कहने पर बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी। इसमें बैंक के वर्ग एक, दो व तीन के रिक्त पदों पर पदोन्नति, प्रासंगिक प्रभार के संशोधन, बैंक कर्मचारियों, कैडर अधिकारियों एवं प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को वर्ष 2017 व 18 व वर्ष 2018-19 हेतु देय बोनस का भुगतान पर विचार करना शामिल था। साथ ही गौंडा बैंक में हुए गबन प्रकरण में दोषी कर्मचारी निखिल उपाध्याय की बहाली (अंतिम मौका)  निलंबित चल रहे कैशियर कृष्ण गोपाल सिंह यादव को कारण बताओं नोटिस व बहाली पर विचार करना शामिल था। आचार संहिता में बिना चुनाव आयोग के संज्ञान व सिफारिश के लाभ देना व अन्य बिंदुओं की स्वीकृति देने का दावा किया गया है। गौंडा बैंक के गबन में फंसे शाखा प्रबंधक अनिल कुमार नंदा ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है।

बैठक स्थगित करने का दिया था सुझाव

हाथरस के विधायक हरी शंकर माहौर का कहना है कि इस बोर्ड की बैठक को स्थगित करने का मैने सुझाव दिया था। मैं प्रदेश के दौरे पर था। मेरे साथ बैंक के निदेशक राजेश कुमार सिंह सहित अन्य नेता दौरे पर थे। मैने तर्क भी दिया था, कि पार्टी का काम प्रभावित होगा। नहीं मानने पर जिले के प्रभारी मंत्री व स्वतंत्र प्रभार मंत्री सहकारिता उपेंद्र तिवारी से भी शिकायत की थी। अब आचार संहिता में फंसते हैं तो कर्मों की सजा मिलेगी भी।

अध्यक्ष के कहने पर बुलाई बैठक

जिला सहकारी बैंक के सचिव विवेक भागर्व ने बताया कि मैने अध्यक्ष के कहने पर बोर्ड की बैठक बुलाई थीं। प्रदेश की अन्य बैंकों ने भी ऐसा किया था। बैंक के कामकाज को रफ्तार देना मकसद था। जिन 24 बिंदुओं में से बोर्ड अपना निर्णय लेता। इसे टाल दिया गया। अध्यक्ष आए थे। कार्रवाई रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी किए। निर्णय नहीं हुआ।


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