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अलीगढ़ के भिनौली गांव में मातम, एक साथ पांच लाशें देखकर रो पड़ा पूरा गांव

संभल के नरौरा पुल के पास शुक्रवार को हुए हादसे में इस गांव के दो परिवारों के पांच लोगों की जान गईं, जिनके शव शनिवार को परिवार के सदस्य लेकर पहुंचे तो हर कोई रो दिया।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 12:26 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 01:26 PM (IST)
अलीगढ़ के भिनौली गांव में मातम, एक साथ पांच लाशें देखकर रो पड़ा पूरा गांव
अलीगढ़ के भिनौली गांव में मातम, एक साथ पांच लाशें देखकर रो पड़ा पूरा गांव

अलीगढ़ (जेएनएन)। विजयगढ़ के निकट स्थित गांव भिनौली में मातम पसरा हुआ है। संभल के नरौरा पुल के पास शुक्रवार को हुए हादसे में इस गांव के दो परिवारों के पांच लोगों की जान गईं, जिनके शव शनिवार को परिवार के सदस्य लेकर पहुंचे तो हर कोई रो दिया। दो शव सुबह और तीन शव शाम को लाए गए। इनके परिवारों में दिनभर कोहराम मचा रहा। देर रात तक चीखें दूर तक सुनाई दे रही थीं। गांव के किसी घर में चूल्हे तक नहीं जले।

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कुल आठ की हुई थी मौत

हादसे में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। इसमें से दो हाथरस के लिए पटवारी और एक एटा जिले के थे।  अलीगढ़ जिले के गांव भिनौली के पांच मृतकों में सोरन सिंह, उनके बेटे रवि, बेटी सरस्वती, नातिन अंशिका के अलावा गांव के ही अशोक कुमार हैं। गुरुवार को ये अपने परिजनों व रिश्तेदारों के साथ बोलेरो गाड़ी से मेरठ के सरधना स्थित गिरजाघर में प्रार्थना के लिए रवाना हुए थे।

घायलों का चल रहा है इलाज

बोलेरो में कुल 19 लोग थे, जिसमें से घायल हुए 11 लोगों का मुरादाबाद व मेरठ के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हादसे के बाद से गांव में मातम पसर गया। शनिवार की सुबह करीब 11 बजे अंशिका व अशोक के शव परिजन लेकर गांव पहुंचे। अशोक  का दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि अंशिका को दफना दिया गया। इन दोनों शवों को पोस्टमार्टम शुक्रवार को देर शाम हो गया था। सुबह पोस्टमार्टम होने के बाद शाम को सोरन, सरस्वती व रवि के शव लेकर परिजन गांव आए। इनका सोरन के खेत पर देर शाम अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान आसपास के गांवों के लोग भी मौजूद रहे।

पांच साल पहले ही हुई थी शादी

हादसे में एक ही घर से चार लोगों की मौत हुई है। इनमें सोरन सिंह, उनके बेटे रवि, बेटी सरस्वती, नातिन अंशिका हैं। रवि की पांच साल पहले ही पूनम देवी से शादी हुई थी। उससे  चार साल की एक बेटी मानवी है।

सरधना से लौटकर करना था बेटी का रिश्ता तय

अशोक की मौत से तो उसके परिजनों के सपने ही बिखर गए हैं। अशोक की दो बेटे व एक बेटी है। कई महीनों से बेटी के लिए रिश्ते की तलाश चल रही थी। अशोक परिजनों से सरधना से लौटकर रिश्ता फाइनल करने की बात कह गए थे। इसके चलते पूरे परिवार में शादी को लेकर खुशियां थी जो कि हादसे के बाद मातम में बदल गईं। पत्नी सर्वेश का तो बुरा हाल है। परिवार में अशोक ही इकलौता कमाने वाले थे।

विधायक ने बंधाया ढांढस

दिनभर अशोक व सोरन सिंह के घर सांत्वना देने वालों की भीड़ लगी रही। छर्रा विधायक ठाकुर रविंद्र पाल सिंह एवं भाजपा जिला अध्यक्ष ठाकुर गोपाल सिंह ने परिजनों को ढांढस बंधाया। गोपाल सिंह ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। राष्ट्रीय लोकदल नेता हरचरण सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मृतकों के परिजनों को 10 -10 लाख रुपए का मुआवजा देना चाहिए।

भाजपा नेता थे सोरन सिंह, पांच माह पहले ही ईसाई धर्म से जुड़े

सोरन सिंह राजनीति में करीब दो साल से सक्रिय थे। वे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अकराबाद मंडल महामंत्री थे।  पांच माह पूर्व ही रिश्तेदारों के साथ ईसाई धर्म से जुड़े थे। वे अपने पूरे परिवार को मेरठ के सरधना स्थित गिरजाघर में प्रार्थना के लिए साथ ले जाना चाहते थे। रवि तो न जाने की जिद पर अड़ा था, लेकिन बाद में पिता ने न चलने पर आत्महत्या की धमकी दे दी थी। इसके चलते रवि को साथ जाना पड़ा। वही बोलेरो चला रहा था। रवि की पत्नी, छोटा बेटा दिनेश घर रह गए।


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