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यमुना में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन अलर्ट, ग्रामीणों को दी चेतावनी Algarh News

गंगा-यमुना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना में हरियाणा के हथिनी कुंड से एक साथ 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है। गंगा में हरिद्वार बैराज से 3.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 12:53 PM (IST)
यमुना में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन अलर्ट, ग्रामीणों को दी चेतावनी Algarh News
यमुना में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन अलर्ट, ग्रामीणों को दी चेतावनी Algarh News
अलीगढ़ (जेएनएन)। पहाड़ों पर लगातार बारिश से अब यहां भी गंगा-यमुना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना में हरियाणा के हथिनी कुंड से एक साथ 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है। वहीं गंगा में हरिद्वार बैराज से 3.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके चलते अलीगढ़ में गंगा में जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। यहां जल स्तर 178 वर्ग मीटर से ज्यादा है।

दो गांव में कराई मुनादी 
यमुना में भी तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है। जल स्तर खतरे के निशान से दो वर्ग मीटर नीचे चल रहा है। रात तक जल स्तर में और अधिक वृद्धि की संभावना बनी हुई है। इसके चलते प्रशासन अलर्ट है। पीएसी यमुना व गंगा से लगते गांवों में भेजी जा रही है। यमुना के किनारे बसे दो गांवों में मुनादी करा दी। वहीं, कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। एडीएम वित्त उदय सिंह ने बताया कि अभी स्थिति नियंत्रण में है। बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं। 

यमुना की स्थिति
यमुना में खतरे का निशान 200 मीटर पर है। सोमवार को यहां पानी 197 मीटर पर था। यह खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है। दो दिन पहले हरियाणा के हथनीकुंड से 8.28 लाख पानी छोड़ गया है। यमुना में जल स्तर बढऩे लगा है। प्रशासनिक अफसरों की मानें तो एक-दो दिन में पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है। सभी विभागों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। महाराजगढ़, पीपरी व शेरपुर के लोगों को गांव छोडऩे के लिए तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बना दी गई है। 

गंगा में अभी नियंत्रित
गंगा में खतरे का निशान 178 मीट पर है। यहां 177 मीटर पर पानी है। यह खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है, लेकिन रविवार को हरिद्वार बैराज से 3.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अगर आधा पानी भी यहां आता है तो फिर यहां भी खतरे के निशान को छू सकता है। हालांकि प्रशासन यहां स्थिति नियंत्रित होने का दावा कर रहा है।

महाराजगढ़, शेरपुर व पीपरी वालों को किया सावधान 
जट्टारी में एसडीएम खैर पंकज कुमार व सीओ ने यमुना किनारे बसे गांवों का भ्रमण किया। घरबरा के माजरा महाराजगढ़, पीपरी व शेरपुर में मुनादी कराई गई। लोगों से कहा गया कि बाढ़ आने से पहले ही तैयारी कर लें। पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर लें। एसडीएम ने बताया कि हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी मंगलवार देर रात तक टप्पल पहुंच गया। महाराजगढ़ व पखोदना में बाढ़ चौकी बनाई गई हैं। स्थायी बाढ़ चौकी टप्पल के थाने व मंडी में बनाई गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं। उसके बाद कोई नहीं आता। कई बार अफसरों ने गांव को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हुआ कुछ नहीं। हमें हर वर्ष बाढ़ का सामना करना पड़ता है। यमुना में इतना पानी 1978 में हथिनीकुंड से छोड़ा गया था।

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