हाथरस, जेएनएन। हाथरस में कोरोना का पहला केस 31 मार्च को सामने आया था। पिछले सात माह से कोरोना वायरस का संक्रमण अब भी जारी है। कई बार जिले की स्थिति चिंताजनक हो चुकी है। आठ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना को लेकर ऊतार-चढ़ाव जारी है। वैक्सीन बनने तक इस बीमारी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। 31 मार्च को जिले में चार जमातियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद खलबली मच गई थी। आनन-फानन मुरसान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को एल वन हॉस्पिटल तब्दील किया गया। मरीजों को वहां भर्ती कराने की व्यवस्था की गई। शुरुआत में व्यवस्थाओं को लेकर मरीजों ने हंगामा तक किया। इसके बाद लगातार केस बढ़ते गए।
एक ही परिवार के 15 संक्रमित मिले थे
सीकनापान गली में रहने वाले व्यापारी कैंसर से पीडि़त थे, नोएडा में उपचार कराने के दौरान ही वे संक्रमित पाए गए। जब परिवार के सदस्यों की जांच हुई तो परिवार में 27 लोगों में पंद्रह सदस्य संक्रमित पाए गए। कोरोना से तो जंग कैंसर पीडि़त जीत गए, लेकिन कुछ समय बाद उनकी उपचार के दौरान कैंसर के चलते मौत हो गई।
त्योहारों के बाद बिगड़े हालात
रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ईद व अन्य के त्योहारों पर बाजार में काफी भीड़ उमड़ी। लापरवाही का नतीजा रहा है कि अगस्त में कोरोना के 300 से अधिक मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को एक बार फिर से रणनीति बनाने के लिए विवश होना पड़ा। अधिकारियों ने ऐसे स्थान चुने,जहां पर मरीज अधिक निकले। ऐसे स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने पहले एनटीजन टेस्ट कराए। जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उन्हें एल वन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। निगेटिव आने वाले लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया। लगातार सैंपल होने की वजह से ही सितंबर व अक्टूबर में मरीजों की संख्या घटने लगी।
कोरोना से जंग निरंतर जारी है, दीपावली आने को है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे जरूरी कार्य करने के लिए ही बाहर निकलें। शारीरिक दूरी का पालन और मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
-डॉ. ब्रजेश राठौर, सीएमओ, हाथरस।
किस महीने किस रफ्तार से बढ़ा कोरोना
अप्रैल 04
मई 24
जून 146
जुलाई 105
अगस्त 369
सितंबर 346
अक्टूबर 128
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एल वन हॉस्पिटल 03
एल टू हॉस्पिटल 01
जांच का तरीका 04
कर्मचारियों की संख्या 350