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अलीगढ़ में श्यामू प्रकरण में वायरल ओडियो ने खड़ा किया बखेड़ा

अलीगढ़ : पुलिस कस्टडी में छह साल पहले हुई श्यामू की मौत के मामले में वायरल हुए एक ओडियो ने नया विवा

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 05:05 PM (IST)
अलीगढ़ में श्यामू प्रकरण में वायरल ओडियो ने खड़ा किया बखेड़ा
अलीगढ़ में श्यामू प्रकरण में वायरल ओडियो ने खड़ा किया बखेड़ा

अलीगढ़ : पुलिस कस्टडी में छह साल पहले हुई श्यामू की मौत के मामले में वायरल हुए एक ओडियो ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। मामले में हत्या के आरोपित तत्कालीन एसओजी प्रभारी (अब इंस्पेक्टर) समेत सात पुलिसकर्मी फरारी काट रहे हैं। इनके गिरफ्तारी वारंट के साथ वेतन रोकने के भी कोर्ट के आदेश हैं। इन्हीं में एक से बातचीत का वायरल हुआ ओडियो इन दिनों चर्चा में है, जिसमें मुकदमे की पैरोकारी कर रहा मृतक का भाई रामू रुपयों की डील करता सुनाई दे रहा है। हालांकि, रामू ने इसे फर्जी बताया है।

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गभाना थाना क्षेत्र के गांव पनिहावर निवासी जुड़वा भाई रामू और श्यामू जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के आधा दर्जन मामलों के अलावा गैंगस्टर में भी आरोपी रहे। इन पर पांच-पांच हजार का इनाम भी था। श्यामू जमानत करा चुका था। 15 अप्रैल-12 को दोनों बहन मुनेश की क्वार्सी इलाके के रुस्तमपुर-एलमपुर स्थित ससुराल गए थे। 11:30 बजे रामू की तलाश में गांव पहुंची तत्कालीन एसओजी टीम इनके जुड़वा होने के चलते दोनों को ही उठा ले गई। रामू को हवालात में डाल दिया। श्यामू बाहर ही रहा, इसी बीच श्यामू की तबीयत बिगड़ गई। मेडिकल में उसे मृत घोषित कर दिया। कहा ये गया कि उसने दहशत में आकर जहर खाया था। मगर, इनके तीसरे भाई ने हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी के आदेश पर एसओजी प्रभारी आनंद प्रकाश, एसआइ प्रमोद कुमार, कांस्टेबल रामनाथ, अशोक, वीरेंद्र सिंह, दुर्विजय सिंह व संजय सिंह के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट करा दी। पहले पुलिस, फिर सीबीसीआइडी आदि एजेंसियों से जांच हुई, जिसमें एसओजी को क्लीनचिट मिल गई। मगर रामू की पैरोकार के चलते कोर्ट के आदेश पर एसओजी को अभियुक्त बनाया और वारंट जारी हुए। बताते हैं कि रामू ने इस प्रकरण में 50 लाख का मुआवजा दिलाने को हाईकोर्ट में याचिका दायर की। दिसंबर- 16 में हाईकोर्ट ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि साक्ष्यों के आधार पर यह कस्टोडियल डैथ नहीं है।

गलत तथ्य पेश करने का आरोप: रामू ने हाईकोर्ट में सुरक्षा के लिए हाल ही में अर्जी डाली है, जिसमें कहा है इस संबंध में यह पहली अर्जी है, जबकि पूर्व में हाईकोर्ट के आदेश पर उसे सुरक्षा मिल चुकी है। उसने बाद में खुद ही वापस कर दिया। अर्जी में यह भी कहा कि उस पर कोई मुकदमा नहीं है, जबकि आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हुए थे, गैंगस्टर अब भी है।

वायरल ऑडियो: पिछले दिनों वायरल हुए ऑडियो में आरोपित एक सिपाही से हुई बातचीत में सिपाही ने कहा है कि साढ़े 17 लाख मिल चुके हैं, फिर 50 हजार क्यों मांगे जा रहे हैं। पंचों ने 35 लाख में डील तय की थी, इसी डील के मुताबिक एडवांस खाते से दिए हैं। दूसरी ओर से कहा गया कि बात 36 लाख की हुई है, इसीलिए 50 हजार मांगे। फिर कहा, चलो बाद में बात करते हैं। गभाना पनिहावर के रहने वाले रामू का कहना है कि ये ऑडियो फर्जी है। रही मुकदमों की बात तो मुझ पर छह-सात मुकदमे थे, गैंगस्टर छोड़कर बाकी सभी में बरी हो चुका हूं। जजमेंट की कॉपी कोर्ट में दाखिल कर दी है। जो सुरक्षा मुझे पूर्व में मिली थी, वह सिर्फ तारीख पर जाने को मिली। अब स्थायी सुरक्षा मांगी है। आरोपी पक्ष मुझ पर दबाव बनाने के लिए ऐसी सूचनाएं दे रहा है।


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