कीचड़ व गंदगी से गुजरती है अकराबाद में ग्राम बादरी की डगर Aligarh news
विजयगढ़ ब्लॉक अकराबाद में एक गांव है बादरी जिसके लिए बाजार में आने के लिए डेढ़ किलोमीटर कच्चे मार्ग से होकर गुजारना पड़ता है। गांव की भी बदहाल स्थिति है गांव की गलियां हों या परिक्रमा मार्ग जलभराव कीचड़ व गंदगी से भरी पड़ी है। इससे दुर्गंध भी आती है।
अलीगढ़, जेएनएन : विजयगढ़ ब्लॉक अकराबाद में एक गांव है बादरी, जिसके लिए बाजार में आने के लिए डेढ़ किलोमीटर कच्चे मार्ग से होकर गुजारना पड़ता है। गांव की भी बदहाल स्थिति है, गांव की गलियां हों या परिक्रमा मार्ग, जलभराव, कीचड़ व गंदगी से भरी पड़ी है। इससे दुर्गंध भी आती है। लोगों को अपने तरीके से इससे होकर गुजरना पड़ता है, जब बरसात होती है तो लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है।
सरकार भरपूर बजट देती है
सरकार गांव के विकास के लिए भरपूर बजट देती है, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं तथा कनकपुर वाले रास्ते से होकर लंबा सफर करना पड़ता है। विजयगढ़ गोपी मार्ग से डेढ़ किलोमीटर एक कच्चा मार्ग जाता है, जिसे पक्का कराने के लिए गांव के लोगों ने शासन प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो सकी। देवेंद्र ङ्क्षसह यादव ने बताया विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों ने रास्ते को पक्का कराने के उद्देश्य से चुनाव का बहिष्कार भी किया था, लेकिन उस समय किसी ने पूर्ण आश्वासन नहीं दिया था। वहीं, गांव में कीचड़ गंदगी क्यों बनी हुई है विकास क्यों नहीं हुआ? उसके लिए आरटीआइ भी डाल रखी है। उसका जवाब अभी तक नहीं मिला। गांव में जलभराव खत्म कराने के लिए तथा सड़क बनवाने के लिए कई बार शासन-प्रशासन को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इनका कहना है
गांव बादरी विकास से कोसों दूर है। गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सफाई व्यवस्था सही नहीं है। कभी भी नाली, गलियों की सफाई नहीं होती है। ग्रामीण स्वयं ही सफाई कार्य करते हैं।
-रामनिवास यादव, ग्रामीण
गांव के परिक्रमा मार्ग में जलभराव होने के कारण लोग काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं। आने जाने वाले पैदल बाइक सवार गिर जाते हैं। गांव में विकास शून्य है।
शांति प्रकाश, ग्रामीण
गांव में विकास न होने पर शासन-प्रशासन को भी अवगत कराया गया है। ग्रामीण नारकीय जीवन जी रहे हैं। गोपी मार्ग से गांव तक कच्चा मार्ग है। बरसात के दिनों में निकलना दुश्वार हो जाता है।
-देवेंद्र सिंह यादव ग्रामीण।