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कुलपति ने कहा, मंगलायतन विवि शोध के रूप में पहचान बनाएगा Aligarh News

मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा विश्वविद्यालय अब विशेष शोध संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। कुलपति ने कहा कि विवि शोध के प्रति अग्रसर रहा है। अकादमिक को बढ़ावा देने के लिए हमें शोध पर ध्यान देना होगा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:34 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:34 AM (IST)
कुलपति ने कहा, मंगलायतन विवि शोध के रूप में पहचान बनाएगा Aligarh News
अकादमिक को बढ़ावा देने के लिए हमें शोध पर ध्यान देना होगा।
अलीगढ़, जेएनएन। मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा विश्वविद्यालय अब विशेष शोध संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। कुलपति ने कहा कि विवि शोध के प्रति अग्रसर रहा है। अकादमिक को बढ़ावा देने के लिए हमें शोध पर ध्यान देना होगा। सभी शिक्षकों को शोध और उससे संबंधित लेख की रचना पर विशेष पर ध्यान देने की जरूरत है। कुलपति  विवि के 12 विभागों के सभी डायरेक्टर व हेड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 
शिक्षण में विद्यार्थी के साथ गहरे रिश्ते की जरूरत
 कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा शिक्षण महत्वपूर्ण हैं पर शिक्षण तभी समृद्ध और सारगर्भित होता है, जब शिक्षक गंभीर शोध कर के छात्रों से मुखातिब होते हैं।  शिक्षण में विद्यार्थी के साथ गहरे रिश्ते की जरूरत है। उन्हीं से वह प्रैक्टिकल जिंदगी से मुखातिब होते हैं। यह सारी चीजें छात्रों को निखारने में काम आती है। शिक्षण की विश्वसनीयता गंभीर शोध से कारगर होती है। इससे ही छात्रों के मन में वैज्ञानिक वस्तुपरक चिंतन का सृजन होता है जिससे विद्यार्थी में अपने विषय में पारंगत होता है। उन्होंने मानविकी संकाय के डीन प्रो. जयंतीलाल जैन का जिक्र करते हुए कहा कि इस आयु में भी वह शोध कार्य करते रहते हैं। 
शोध कार्य जनजन तक पहुंचे
प्रो. शिवाजी सरकार ने कहा कि शोध या अनुसंधान से व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होता है। उन्होंने कहा कि विवि ई-पत्रिका निकालेंगे। जिसमें विवि के शिक्षकों के लेख प्रकाशित किए जाएंगे। इसके पीछे उद्देश्य यह कि शोध कार्य जन-जन तक पहुंचे ताकि नवाचार को बढ़ावा मिले। प्रो. जयंतीलाल जैन ने कहा कि शोध या अनुसंधान मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है। शोध विषयों में गहन और सूक्ष्म ज्ञान प्रदान करता है। यह ज्ञान के भंडार को विकसित एवं परिमार्जित करता है। साथ ही शोध सामाजिक विकास का सहायक है। इस दौरान जॉइंट रजिस्ट्रार डॉ. दिनेश दिनेश शर्मा, प्रो. उमेश सिंह, प्रो. असगर अली अंसारी, प्रो. आरके शर्मा, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. वाईपी ङ्क्षसह, डॉ. अंकुर अग्रवाल, डॉ. पूनम रानी, डॉ. दीपशिखा, डॉ. शगुफ्ता परवीन, मनीषा उपाध्याय आदि मौजूद थे।

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