मुगलों के अत्याचार पर भी नहीं किया था धर्म परिवर्तन : बिल्लू
जासं अलीगढ़ गाजियाबाद के करहैड़ा में वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के धर्म परिवर्तन पर स्
जासं, अलीगढ़ : गाजियाबाद के करहैड़ा में वाल्मीकि समाज के 50 परिवारों के धर्म परिवर्तन पर स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के प्रांतीय महामंत्री बिल्लू चौहान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि वाल्मीकि समाज भारत का मूल निवासी है। मुगल शासन में वाल्मीकि समाज पर धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया गया। समाज ने साफ इन्कार कर दिया। तब मुगल शासकों ने आदेश दिए कि जो धर्म परिवर्तन न करे, उसे मल-मूत्र उठाने के काम पर लगा दिया जाए। समाज ने मल-मूत्र उठाना स्वीकार किया, मगर धर्म परिवर्तन नहीं किया। करहैड़ा के वाल्मीकि परिवार कहीं न कहीं सिस्टम से पीड़ित होंगे। उनकी आस्था पर चोट लगी होगी, तभी उन्होंने ये कदम उठाया है। उन्हें भारत के लोकतंत्र पर भरोसा रखना चाहिए। हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में भी पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलेगा। सभी को संविधान के अनुरूप इंसाफ मिलना चाहिए। वाल्मीकि रामायण के आधार पर अयोध्या में राममंदिर का निर्माण हो रहा है, वहां भी न्यायसंगत निर्णय लिया गया।