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आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा बोले, ईरान के साथ चिकित्सीय पौधों पर शोध करेगा भारतAligarh News

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि भारत व ईरान चिकित्सीय पौधों पर शोध करेंगे। दोनों देशों के बीच करार हुआ है। इससे दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 11:46 AM (IST)
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा बोले, ईरान के साथ चिकित्सीय पौधों पर शोध करेगा भारतAligarh News
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा बोले, ईरान के साथ चिकित्सीय पौधों पर शोध करेगा भारतAligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि भारत व ईरान चिकित्सीय पौधों पर शोध करेंगे। दोनों देशों के बीच करार हुआ है। इससे दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ आयुष की शब्दावली के वैश्विक स्तर पर निर्धारण के लिए करार भी किया है।

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पौधों की पैदावार बढ़ाना जरूरी

 वैद्य राजेश कोटेचा मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में थे। एएमयू के अजमल खां तिब्बिया कॉलेज के कुलियात विभाग की ओर से 'यूनानी तिब के मौलिक सिद्धांत संपूर्ण स्वास्थ्य की गारंटीÓ पर केनेडी हॉल में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि राजेश कोटेचा ने कहा कि यूनानी तथा आयुर्वेद समेत विभिन्न परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों व शोधकर्ताओं को मौलिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करके अंतरविषयी शोध के विकास में भाग लेना चाहिए। परंपरागत ज्ञान के सिद्धांतों को आधुनिक विज्ञान के मापदंडों पर प्रमाणित करना कठिन प्रक्रिया है। इसे फार्माकोलॉजी, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स आदि विषयों के साथ संयुक्त अध्ययन के बाद अधिक कारगर व लाभप्रद बनाया जा सकता है। सहकुलपति प्रो. अख्तर हसीब ने कहा कि परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों में जिन पौधों से दवाएं  तैयार की जाती हैं, उनकी पैदावार बढ़ाने तथा उनके वर्गीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। एएमयू के दवाखाना तिब्बिया कॉलेज में इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाता है।

भारत तथा ईरान के संबंध बहुत पुराने

नई दिल्ली स्थित ईरान के कल्चरल काउंसलर डॉ. मोहम्मद अली रब्बानी ने कहा कि भारत तथा ईरान के संबंध बहुत पुराने हैं।  सीसीआरयूएम के डायरेक्टर जनरल प्रो. आसिम अली खान ने कहा कि यूनानी पद्वति पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त कर रही है। तजाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, ईरान व बांग्लादेश के यूनानी संगठनों व संस्थाओं के साथ शोध एवं अध्ययन के कई समझौते किए गए हैं।

होंगे नए पीजी कोर्सेज शुरू

यूनानी मेडिसिन संकाय के डीन प्रो. एम मुहिउल हक सिद्दीकी ने यूनानी संकाय में चार विभागों में नए पीजी कोर्सेज की मंजूरी देने के लिए आयुष मंत्रालय के सचिव का धन्यवाद किया। अजमल खां  तिब्बिया कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सऊद अली खान ने अतिथियों का धन्यवाद  व संचालन प्रो. एफएस शीरानी ने किया। विभागाध्यक्ष प्रो. फिरासत अली खान ने स्वागत किया। 


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