अलीगढ़, जागरण टीम : गभाना तहसील से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के कई गांव में सांप काटने से पशुओं की मौत होने पर मुआवजा लेने में बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। कई लोगों ने अपनी भैंस व अन्य पशुओं की सामान्य मौत होने पर उसे स्नैक बाइट बताकर 30-30 हजार का मुआवजा ले लिया है। कुछ के आवेदन जांच प्रक्रिया में फंसे है। पशुपालन विभाग के चिकित्सक के हस्ताक्षर से तैयार पोस्टमार्टम रिपोर्ट को पशुपालक मुआवजे का आधार बनाते हैं।
शिकायत के बाद अब डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने जांच के आदेश कर दिए हैं।
किसानों की आय वृद्धि में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह किसानों के लिए एटीएम की तरह होता है, वो जब चाहे इसे बेचकर पैसे ला सकते हैं और अपनी जरूरतें पूरी कर सकतें हैं, मगर कई बार प्राकृतिक आपदा जैसे हादसा, बिजली गिरने, सर्प दंश से बीमारी या अन्य वजहों से पशुओं की मौत हो जाती है। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है। पशुपालकों की इसी परेशानी को देखते हुए सरकार दैवीय आपदा से 30 हजार रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा देती है।
चार गांव में फर्जीवाड़े की आशंका
पशुओं की सामान्य मौत पर भी लोग मुआवजा पा रहे हैं। सबसे बड़ा आधार संर्प दंश को बनाया जा रहा है। गभाना तहसील के ओगर नगला राजू, ग्वालरा, चूहरपुर व लालपुर समेत कई गांव में अचानक संर्प दंश से पशुओं की मौत के मामले बढ़ रहे हैं। इन गांव से तहसील स्तर पर बड़ी संख्या में मुआवजे के आवेदन पहुंच रहे हैं। कई लोगों ने मुआवजा उठा भी लिया है। बीते दिनों इन चार गांव से ही मुआवजे की संख्या अधिक हुई तो एसडीएम गभाना कुंवर बहादुर सिंह का माथा ठनक गया। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी डीएम इंद्र विक्रम सिंह को दी। अब डीएम ने जांच के लिए सीडीओ को निर्देश दिए। सीडीओ ने अब जिला विकास अधिकारी भरत कुमार मिश्र व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. बीपी सिंह की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। बुधवार से इस समिति ने जांच शुरू कर दी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा
दैवीय आपदा से मुआवजे के लिए सबसे अहम दस्तावेज पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट होती है। पशु पालन विभाग का पशु चिकित्सक इस रिपोर्ट को तैयार करता है। गभाना तहसील के चार गांव में सबसे अधिक सर्प दंश के हैं। आशंका है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। एसडीएम बहादुर सिंह ने बताया कि
तहसील के चार गांव में अचानक से स्नैक बाइट से भैंस की मौत के बाद दैवीय आपदा से मुआवजे के आवेदन बढ़ गए हैं। आशंका है कि कुछ लोग फर्जी तरीके से सर्प दंश की रिपोर्ट लगाकर मुआवजा पा रहे हैं।