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अलीगढ़ में आइएमए भवन के निर्माण पर यूपीसीडा ने लगाई रोक, ये है वजह

तालानगरी सेक्टर वन स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के भवन निर्माण पर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने रोक लगा दी है। इस औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का जिम्मा यूपीसीडा पर है। न्यायालय में मामला विचाराधीन है तो निर्माण गलत है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 08:14 AM (IST)
अलीगढ़ में आइएमए भवन के निर्माण पर यूपीसीडा ने लगाई रोक, ये है वजह
आइएमए के भवन निर्माण पर यूपीसीडा ने रोक लगा दी है।

अलीगढ़, जेएनएन। तालानगरी सेक्टर वन स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के भवन निर्माण पर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने रोक लगा दी है। इस औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का जिम्मा यूपीसीडा पर है। औद्योगिक क्षेत्र में हरदुआगंज की ओर स्थित सीमा पर 1200 वर्ग मीटर जमीन पर बन रहे भवन पर आइएमए व यूपीसीडा के बीच विवाद न्यायालय में विचाराधीन है। आइएमए से पहले इस विवादित भूखंड के निकट ही दो उद्यमियों को यूपीसीडा ने भूखंड का आवंटन कर दिया है। एक माह पहले आइएमए ने भाजपा के कुछ विधायकों से इस भूखंड के निर्माण के लिए भूमि पूजन करा दिया था। विभाग का तर्क था कि जब प्राधिकरण ने किसानों का बैनामा खारिज कर अपना दावा किया है तो इस भूखंड पर निर्माण करना गैरकानूनी है।

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भूखंड पर काम रोकने के निर्देश
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक संजू उपाध्याय ने चार नवंबर को भूखंड पर काम रोकने के निर्देश जारी किए। विभाग के कर्मचारियों ने विवादित भूखंड पर नोटिस चस्पा कर काम रोकने के लिए कहा। छह तारीख तक काम चला। जब विभाग के अफसरों ने आइएमए को पुलिस के हस्तक्षेप की चेतावनी दी तो रविवार को काम रोका गया। व्यापारी नेता मुनेश पाल ङ्क्षसह ने कहा कि ताला नगरी की तमाम जमीन को भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है। पिछले महीने भ्रमण पर आए यूपीसीडा के सीएमडी मयूर माहेश्वरी ने तालानगरी को विकसित करने व चारदीवारी लगाने के लिए निर्देश दिए थे। न्यायालय में मामला विचाराधीन है तो निर्माण गलत है।
 
किसानों से खरीदी थी जमीन, निजी स्वार्थ के लिए अड़ंगा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विपिन गुप्ता ने बताया कि हमने कई साल पहले जमीन किसानों से खरीदी थी। नक्शे में यह निजी भूमि दर्ज है। इसकी कीमत अब डेढ़ करोड़ रुपये है। एक करोड़ रुपया जमीन खरीदते वक्त खर्च हुआ था। इस जमीन को यूपीसीडा अपनी बता रहा है। यहां पर चैरिटेबल प्राइमरी हेल्थ सेंटर बना रहे हैं, जिसका लाभ फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों व स्थानीय लोगों को मिलता, लेकिन कुछ उद्योगपति ऐसा नहीं

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