UP Board Results 2019 : अलीगढ़ में 10वीं व 12वीं में बेटियों ने मारा मैदान, हाथरस में कामयाब रही प्रशासन की सख्ती
यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2019 का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। जिले में 10वीं व 12वीं दोनों में ही बेटियों ने बाजी मारी। परिणाम जारी होते ही सफल विद्यार्थियों की खुशी का
By Edited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 09:20 AM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। शनिवार को यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2019 का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। जिले में 10वीं व 12वीं दोनों में ही बेटियों ने बाजी मारी। परिणाम जारी होते ही सफल विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हाईस्कूल में छात्रों का सफलता प्रतिशत 72.84 फीसद रहा जबकि, छात्राओं का 83.41 फीसद रहा। जिले में हाईस्कूल का कुल सफलता प्रतिशत 76.85 फीसद रहा। इंटरमीडिएट में 45.35 फीसद छात्र सफल रहे जबकि 69.63 फीसद छात्राओं ने बाजी मारी। हाथरस में नकल को लेकर शासन की सख्ती और प्रशासन की सक्रियता के कारण नकल माफियाओं के मंसूबे ढेर हो गए।
लोकेश ने इंटर में किया टॉप
जिले में इंटरमीडिएट का कुल सफलता प्रतिशत 53.85 फीसद रहा। इंटरमीडिएट में आदर्श ज्ञानदीप इंटर कॉलेज डोरी नगर के लोकेश ने 500 में 432 अंक (86.40 फीसद) के साथ जिला टॉप किया। सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज अतरौली के देव वाष्र्णेय ने 431 अंक (86.20 फीसद) के साथ द्वितीय स्थान हासिल किया। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज अतरौली के मिस्वा अली व राष्ट्रीय कन्या इंटर कॉलेज खैर की ज्योति वर्मा ने 416 (83.20 फीसद) अंकों के साथ संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल किया।
हाईस्कूल में सुव्रत ने मारी बाजी
हाईस्कूल में प्रकाश इंटर कॉलेज दादों के सुव्रत कुमार ने 600 में 550 अंकों (91.67 फीसद) के साथ जिला टॉप किया। एसडी इंटर कॉलेज गौतना के राजा बाबू व सरस्वती विद्यामंदिर आगरा रोड की कोमल वाष्र्णेय ने 547 (91.17 फीसद) अंकों के साथ संयुक्त रूप से जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। एमजीजीएस इंटर कॉलेज विजयनगर अकराबाद के संदीप कुमार ने 543 (90.50 फीसद) अंकों के साथ तृतीय स्थान हासिल किया। प्रदेश की रैंकिंग में हाईस्कूल में अलीगढ़ जिला 56वें और इंटरमीडिएट में 72वें नंबर पर रहा।
हाथरस में प्रशासन ने कसी नकेल
हाथरस : यूपी बोर्ड में नकल को लेकर शासन की सख्ती और प्रशासन की सक्रियता के कारण नकल माफियाओं के मंसूबे ढेर हो गए। सूबे के उन चुनिंदा जिलों में हाथरस भी शामिल रहा, जहां सीसीटीवी कैमरों के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम भी बनाया गया। इसी सख्ती के कारण नकल माफियाओं की तैयारियां धरी रह गईं। इंटरमीडिएट में आधे से ज्यादा परीक्षार्थी फेल हो गए। यह सख्ती का ही नतीजा है कि इंटरमीडिएट के परिणाम में हाथरस प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर पर पहुंच गया।
नकल के लिए बदनाम था हाथरस
पिछले कई सालों से यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफियाओं का राज रहता था। देहात क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर जमकर नकल होती थी। खेतों में कॉपी लिखे जाने तक का खेल यहां चलता था, जिस पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कई सालों से बोर्ड ने कोडिंग वाली उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था परीक्षा में कर रखी है। दूसरे जिलों व राज्यों के छात्र यहां नकल माफियाओं का सहारा लेकर आसानी से परीक्षा पास कर लेते थे।
तंत्र की रही इस बार सख्ती
प्रदेश सरकार ने नकलविहीन परीक्षाओं को कराने के लिए पहले से ही रणनीति बना ली थी। इस बार परीक्षाओं के पहले से ही दो-दो सीसीटीवी कैमरों के अलावा केंद्रों पर वाइस रिकॉर्डर भी लगवाए गए, ताकि इमला बोलकर कक्ष निरीक्षक अपने चहेते परीक्षार्थियों को नकल न करा सकें। इसी के चलते इस साल हाईस्कूल में 76.42 व इंटरमीडिएट का 48.62 फीसद परीक्षा परिणाम रहा। हाईस्कूल में 23.58 व इंटरमीडिएट के 51.38 फीसद परीक्षार्थी इस बार फेल हो गए।
डीएम व एडीएम रहे सक्रिय
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए यूं तो पूरे प्रदेश में कंट्रोल रूम बनवाने के निर्देश हुए थे। हाथरस में जिला मुख्यालय पर बनाए गए कंट्रोल रूम पर दो दर्जन से अधिक कंप्यूटर लगवाकर निगरानी तत्कालीन डीएम रमाशंकर मौर्य ने, एडीएम रेखा एस चौहान ने की। एडीएम ने सादाबाद के कई परीक्षा केंद्रों पर जाकर खुद गड़बड़ी पकड़ी थी। कार्रवाई भी एडीएम के स्तर से तय की गई, जिससे नकल माफियाओं में खलबली मच गई थी। सीसीटीवी कैमरे न चलने पर दो दर्जन से अधिक परीक्षा केंद्र संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए थे।
लगातार गिरता जा रहा इंटरमीडिएट परिणाम
वर्ष, प्रतिशत
2014, 92.42
2015, 93.88
2016, 83.32
2017, 79.82
2018, 61.75
2019, 48.62
हाईस्कूल का छह साल का परीक्षा परिणाम
वर्ष, प्रतिशत
2014, 91.37
2015, 90.30
2016, 90.63
2017, 87.05
2018, 72.29
2019, 76.42
लोकेश ने इंटर में किया टॉप
जिले में इंटरमीडिएट का कुल सफलता प्रतिशत 53.85 फीसद रहा। इंटरमीडिएट में आदर्श ज्ञानदीप इंटर कॉलेज डोरी नगर के लोकेश ने 500 में 432 अंक (86.40 फीसद) के साथ जिला टॉप किया। सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज अतरौली के देव वाष्र्णेय ने 431 अंक (86.20 फीसद) के साथ द्वितीय स्थान हासिल किया। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज अतरौली के मिस्वा अली व राष्ट्रीय कन्या इंटर कॉलेज खैर की ज्योति वर्मा ने 416 (83.20 फीसद) अंकों के साथ संयुक्त रूप से तृतीय स्थान हासिल किया।
हाईस्कूल में सुव्रत ने मारी बाजी
हाईस्कूल में प्रकाश इंटर कॉलेज दादों के सुव्रत कुमार ने 600 में 550 अंकों (91.67 फीसद) के साथ जिला टॉप किया। एसडी इंटर कॉलेज गौतना के राजा बाबू व सरस्वती विद्यामंदिर आगरा रोड की कोमल वाष्र्णेय ने 547 (91.17 फीसद) अंकों के साथ संयुक्त रूप से जिले में दूसरा स्थान हासिल किया। एमजीजीएस इंटर कॉलेज विजयनगर अकराबाद के संदीप कुमार ने 543 (90.50 फीसद) अंकों के साथ तृतीय स्थान हासिल किया। प्रदेश की रैंकिंग में हाईस्कूल में अलीगढ़ जिला 56वें और इंटरमीडिएट में 72वें नंबर पर रहा।
हाथरस में प्रशासन ने कसी नकेल
हाथरस : यूपी बोर्ड में नकल को लेकर शासन की सख्ती और प्रशासन की सक्रियता के कारण नकल माफियाओं के मंसूबे ढेर हो गए। सूबे के उन चुनिंदा जिलों में हाथरस भी शामिल रहा, जहां सीसीटीवी कैमरों के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम भी बनाया गया। इसी सख्ती के कारण नकल माफियाओं की तैयारियां धरी रह गईं। इंटरमीडिएट में आधे से ज्यादा परीक्षार्थी फेल हो गए। यह सख्ती का ही नतीजा है कि इंटरमीडिएट के परिणाम में हाथरस प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर पर पहुंच गया।
नकल के लिए बदनाम था हाथरस
पिछले कई सालों से यूपी बोर्ड परीक्षाओं में नकल माफियाओं का राज रहता था। देहात क्षेत्र के परीक्षा केंद्रों पर जमकर नकल होती थी। खेतों में कॉपी लिखे जाने तक का खेल यहां चलता था, जिस पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कई सालों से बोर्ड ने कोडिंग वाली उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था परीक्षा में कर रखी है। दूसरे जिलों व राज्यों के छात्र यहां नकल माफियाओं का सहारा लेकर आसानी से परीक्षा पास कर लेते थे।
तंत्र की रही इस बार सख्ती
प्रदेश सरकार ने नकलविहीन परीक्षाओं को कराने के लिए पहले से ही रणनीति बना ली थी। इस बार परीक्षाओं के पहले से ही दो-दो सीसीटीवी कैमरों के अलावा केंद्रों पर वाइस रिकॉर्डर भी लगवाए गए, ताकि इमला बोलकर कक्ष निरीक्षक अपने चहेते परीक्षार्थियों को नकल न करा सकें। इसी के चलते इस साल हाईस्कूल में 76.42 व इंटरमीडिएट का 48.62 फीसद परीक्षा परिणाम रहा। हाईस्कूल में 23.58 व इंटरमीडिएट के 51.38 फीसद परीक्षार्थी इस बार फेल हो गए।
डीएम व एडीएम रहे सक्रिय
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए यूं तो पूरे प्रदेश में कंट्रोल रूम बनवाने के निर्देश हुए थे। हाथरस में जिला मुख्यालय पर बनाए गए कंट्रोल रूम पर दो दर्जन से अधिक कंप्यूटर लगवाकर निगरानी तत्कालीन डीएम रमाशंकर मौर्य ने, एडीएम रेखा एस चौहान ने की। एडीएम ने सादाबाद के कई परीक्षा केंद्रों पर जाकर खुद गड़बड़ी पकड़ी थी। कार्रवाई भी एडीएम के स्तर से तय की गई, जिससे नकल माफियाओं में खलबली मच गई थी। सीसीटीवी कैमरे न चलने पर दो दर्जन से अधिक परीक्षा केंद्र संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए थे।
लगातार गिरता जा रहा इंटरमीडिएट परिणाम
वर्ष, प्रतिशत
2014, 92.42
2015, 93.88
2016, 83.32
2017, 79.82
2018, 61.75
2019, 48.62
हाईस्कूल का छह साल का परीक्षा परिणाम
वर्ष, प्रतिशत
2014, 91.37
2015, 90.30
2016, 90.63
2017, 87.05
2018, 72.29
2019, 76.42
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें