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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: तब ट्रैक्टर और साइिकल से होता था प्रचार, घोड़ी पर आए थे नेहरू

समय के साथ बहुत कुछ बदला। पहले राजनीति का उद्देश्य समाज सेवा होता था लेकिन अब वह बात नहीं। इगलास कस्बा के आनंद बिहार कालोनी निवासी डा. नरपतिदेव भारद्वाज तो वर्तमान की राजनीति को रौब दिखाने वाली मानते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 03:53 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 03:53 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: तब ट्रैक्टर और साइिकल से होता था प्रचार, घोड़ी पर आए थे नेहरू
डा. नरपतिदेव भारद्वाज वर्तमान की राजनीति को रौब दिखाने वाली मानते हैं।

अलीगढ़, योगेश कौशिक। समय के साथ बहुत कुछ बदला। पहले राजनीति का उद्देश्य समाज सेवा होता था, लेकिन अब वह बात नहीं। इगलास कस्बा के आनंद बिहार कालोनी निवासी डा. नरपतिदेव भारद्वाज तो वर्तमान की राजनीति को रौब दिखाने वाली मानते हैं। चिंता जताते हुए बोले, छोटे नेताओं के पीछे भी गाड़ियों के लंबे काफिले होते हैं। इनसे मिलना तक मुश्किल हो जाता है। पहले जब भी नेताजी गांव जाते तो ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने, उनकी समस्याएं सुनने की कोशिश करते थे। नेताओं की इज्जत पहले अधिक थी। चुनाव में इतना शोर-शराबा नहीं होता था। तब बिना माइक के ही सभा में भाषण दिए जाते थे। ट्रैक्टर व साइिकल से प्रचार होता था। इसी तरह से प्रचार कर 1967 में मोहनलाल गौतम इगलास से विधायक बने थे।

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गांव कोई नहीं जानता था चाय बनाना

पुरानी यादों को ताजा करते हुए डा. नरपतिदेव ने बताया कि उस समय वह गांव नगला जार में रहते थे। प्रचार के दौरान मोहनलाल गौतम उनके गांव आए थे। उनके साथ कोई लंबा काफिला नहीं था। अतिथि स्वागत में उनके लिए चाय बनाने का बड़ा सवाल खड़ा हो गया। गांव में कोई चाय बनाना नहीं जातना था। केवल हमारी चाची चाय बनाना जानती थीं। तब उन्होंने सबके लिए चाय बनाई। चाय पीने के बाद गौतम गांव में वोट मांगने निकले तो हम भी उनके साथ झंडा लेकर जिंदाबाद करते हुए चल पड़े। उस दौर का अब मुकाबला बहुत मुश्किल है। चुनाव प्रचार पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता था। कार्यकर्ता विचारधार से जुड़कर कार्य करते थे। नेताजी के शब्दों का बड़ा महत्व होता था। जब कोई बड़ा नेता भाषण देता था सभी शांत होकर सुनते थे। अब राजनेताओं की बातों का उतना असर देखने को नहीं मिलता। चुनाव बहुत खर्चीला हो गया है। न पहले जैसा माहौल बचा और न पहले जैसे नेता रहे।

घोड़ी पर आए थे नेहरू

डा. नरपतिदेव बताते हैं कि पुराने नेता दिखावे पर विश्वास नहीं करते थे। करीब 50 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अलीगढ़ से आए थे। वहां से घोड़ी से इगलास होते हुए मथुरा गए थे। यहां कुछ देर रुके थे। उस दौरान कार्यकर्ताओं से मिले थे। लोगों से मिलने में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह भी पीछे नहीं रहते थे। वे सभा संबोधित करने इगलास के शिवदान सिंह इंटर कालेज में आए थे। संचालन का जिम्मा मुझे मिला था। चौ. चरण सिंह आते ही मंच पर पहुंच गए। लेकिन कुछ देर रुकते ही मंच से उतर गए और लोगों की समस्याएं सुनने लगे। बाद में भाषण दिया।

पहली बार हेलीकाप्टर से आई थी इंदिरा गांधी

डा. नरपतिदेव भारद्वाज बताते हैं कि स्वतंत्रता के बाद क्षेत्र में कोई नेता हेलीकाप्टर से नहीं आया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद इंदिरा गांधी पहलीबार हेलीकाप्टर से यहां आई थी। उन्होंने कस्बा के लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज की खेल मैदान में सभा को संबोधित किया था। वह देर सांय यहां पहुंची थी। पहलीबार किसी नेता के कार्यक्रम में लाखों की भीड़ एकत्रित हुई थी।


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