UP Assembly Election 2022: चुनाव में इस फार्मूले पर करेंगे काम, देंगे सभी दलों को मात, जानिए विस्तार से
विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी दल लगे हुए हैं। अपने-अपने तरह से रणनीति बना रहे हैं। मगर भाजपा अचूक रणनीति बनाने में जुटी हुई है जिससे सभी दलाें को मात दिया जा सके। हालांकि यह वक्त ही बताएगा कि भाजपा की रणनीति कितनी कारगर साबित हाेती है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी दल लगे हुए हैं। अपने-अपने तरह से रणनीति बना रहे हैं। मगर, भाजपा अचूक रणनीति बनाने में जुटी हुई है, जिससे सभी दलाें को मात दिया जा सके। हालांकि, यह वक्त ही बताएगा कि भाजपा की रणनीति कितनी कारगर साबित हाेती है।
किसी भी दल की राह आसान नहीं
विधानसभा चुनाव में किसी भी दल की राह आसान नहीं है। भले ही भाजपा और सपा में मुकाबला बताया जा रहा हो, मगर वोटरों के दिलों की बात कोई नहीं जान सकता है। अंत समय तक भी उनकी टोह लगाना मुश्किल होता है। मगर, भाजपा अपनी अचूक रणनीति से जीत के दावे कर रही है। भाजपा ने चुनाव में निचली इकाई तक मथ कर रख दिया है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा जा सके। भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए कुछ इस प्रकार से संचरना बना रखी है। जिले में चुनाव संचालन समिति है। इसमें 17 सदस्य होते हैं, जो चुनाव को संचालित करेंगे। चुनाव के समय इनकी प्रतिदिन बैठकें होंगी। रैली, सम्मेलन, नुक्कड़ सभाएं आदि कार्यक्रमों के बारे में वो तैयारी करेंगे, उसे बेहतर तरीके से संपन्न कराएंगे। इसी तरह से प्रत्येेक विधानसभा क्षेत्रों में भी चुनाव संचालन समिति बनाई गई है। यह समिति भी उसी तरह से काम करेगी। इसमें भी 17 सदस्य होंगे। जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 17-17 सदस्य होंगे। इससे बाद भी भाजपा बूथ जीतो, चुनाव जीतो पर जोर दे रही है। एक बूथ पर 20 कार्यकर्ता होंगे। वह बूथ को मजबूत करने का काम करेंगे। चुनाव के समय इनकी बड़ी भूमिका होगी। यह प्रत्येक बूथों पर मतदाताओं को जागरूक करके मतदान के लिए ले जाएंगे। इसके बाद पार्टी ने पन्ना प्रमुख बनाया है।
दलों ने बनाई रणनीति
बूथ के हिसाब से जितने एक पन्ने होंगे, उसमें एक-एक पन्ने के प्रमुख बनाए गए हैं। यदि एक पन्ने में 20 नाम हैं तो इन नामों की जिम्मेदारी पन्ना प्रमुख की होगी। पन्ना प्रमुख उनसे संपर्क करेंगे। भाजपा की नीतियों के बारे में बताएंगे। वोटर लिस्ट में नाम है कि नहीं इसके बारे में भी जानकारी करेंगे। यदि नाम नहीं है तो उसे जुड़वाने का काम करेंगेे। मतदान के लिए प्रेरित करेंगे। इस तरह की संचरना अभी तक अन्य दलों में नहीं बन सकी है। समाजवादी पार्टी के मुखिया प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। वह पूर्वांचल में तमाम जगहों पर रैली को संबाेधित कर चुके हैं, मगर संगठन में अभी इतने निचले स्तर तक काम नहीं हुआ है। यही हाल बसपा और कांग्रेस का भी है। भाजपा ने जिस प्रकार से तैयारी कर रखी है, इन दलों ने ऐसी तैयारी नहीं की है।