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असत्य पर सत्य की विजय, जला रावण का पुतला

रामलीला मैदान में शाम सात बजे किया गया दहन।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 01:38 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 01:38 AM (IST)
असत्य पर सत्य की विजय, जला रावण का पुतला
असत्य पर सत्य की विजय, जला रावण का पुतला

जागरण संवादाता, अलीगढ़ : विजयादशमी पर्व पर रविवार को असत्य पर सत्य की विजय हुई और रावण का अंत हुआ। अचलताल रामलीला मैदान में राम और रावण के बीच युद्ध हुआ। प्रभु श्रीराम ने रावण पर बाण छोड़ा। बाण लगते ही रावण धराशायी हो गया। रावण का पुतला धू-धूकर जल उठा। जयश्रीराम की जय-जयकार होने लगी। पुतला दहन के बाद बच्चों ने मेले में खरीदारी की। सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात थी।

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अचलताल श्रीराम लीला गोशाला कमेटी की ओर से इस बार कोरोना के चलते रामलीला नहीं हुई। 10 दिनों का संगीतमयी रामायण पाठ का आयोजन किया गया था। हर साल नुमाइश मैदान में 55 फुट ऊंचे रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता था। इस बार रामलीला मैदान में ही पुतला दहन का निर्णय लिया गया। रावण का पुतला तैयार किया गया। दहन से पहले पुतला गायब कर दिया गया था, आनन-फानन पुतला तैयार किया गया। शाम छह बजे काली खेली। शाम सात बजे प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण युद्ध के मैदान में पहुंच गए। प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण का विजय तिलक अरिवंद अग्रवाल, विमल अग्रवाल, संदीप रंजन, भाजपा नेता मानव महाजन ने किया। रावण के साथ राम का युद्ध हुआ। राम के बाण को रावण लगातार काटता जा रहा था। विभीषण ने बताया कि रावण की नाभि में अमृत है। अमृत को सुखाए बिना रावण का अंत नहीं होगा। राम ने एक साथ कई बाण छोड़े, जो रावण की नाभि में जाकर लगे। अमृत सूखते ही रावण हे राम कहते हुए धरती पर जा गिरा। रावण के गिरते ही पूरी धरती डोल उठी। प्रभु श्रीराम ने पुतले पर बाण छोड़ा। जिससे वो जल उठा।

आधा पुतला बन पाया था : विवाद के चलते रावण का पुतला आधा ही बन पाया था। ऊपर का सिर नहीं बन पाया था। पुतले का दहन कर किसी तरह से विवाद को टाला गया।

उमर व महबूबा लगाए चित्र

रावण के पुतले के माध्यम से इस बार कोरोना पर भी वार किया गया। शहर के तमाम इलाकों में रावण के दस सिरों की जगह कोरोना का चित्र बनाया गया था। बच्चों ने कोरोना के अंत के लिए प्रार्थना की। ब्रह्मनपुरी में रावण के पुतले पर गो-कोरोना लिखा था। पुतले पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आदि के चित्र लगाए गए थे। इन नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।

नुमाइश की तरह लगा मेला

विजयादशमी पर्व पर अचलताल नुमाइश मैदान की तरह नजर आया। नटराज मंदिर से लेकर अचलेश्वरधाम मंदिर तक खेल-खिलौने की दुकानें सजी हुई थीं। झांझी, टेसू की बच्चों ने खरीदारी की। मोटर गाड़ी, रसोई के सामान आदि भी मेले में बिक रहे थे। बच्चों ने सबसे अधिक धनुष बाण, रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के मुखौटे पसंद किए। तलवारें भी खूब खरीदीं। मेले में गोल गप्पे और चाट का भी आनंद उठाया। महिलाओं ने श्रृंगार का सामान लिया।

गली-गली में दहन

शहर में सारसौल, रघुवीरपुरी, बाहरद्वारी, सासनीगेट, श्याम नगर, मैरिस रोड, विक्रम कॉलोनी, सुरेंद्र नगर, क्ववार्सी, शंकर विहार कॉलोनी, कुलदीप विहार आदि में भी पुतला दहन किया गया। आतिशबाजी भी हुई।

देवी का दर्शन, लगाए जयकारे

सुबह नवमी की तिथि भी मिलने से तमाम श्रद्धालुओं ने देवी मंदिरों में मां के दर्शन किए। नौरंगबाद स्थित नौ देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मां के दर्शन करके आशीर्वाद लिया। नौरंगाबाद में पुल से लेकर मंदिर तक मेला लगा था। तमाम जगहों से काली खेलती हुई मंदिर पहुंची। यहां पर खप्पर भरा गया, लोगों ने पूजन कर आशीर्वाद लिया।

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दीपावली व छठ पर दौड़ेंगी 300 बसें

जासं, अलीगढ़ : दीपावली व छठ त्योहार पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रोडवेज ने तैयारियां शुरू कर दी है। 300 से अधिक बसों को दिल्ली समेत विभिन्न रूटों पर दौड़ाया जाएगा। सात नवंबर से दस दिन तक बसों का संचालन होगा। 14 नवंबर को दीपावली, अगले दिन गोवर्धन व 16 नवंबर को भैया-दूज है। इसके बाद छठ पर्व है। आरएम रोडवेज मोहम्मद परवेज ने बताया कि दिल्ली- कानपुर रूट के अलावा देहरादून, रुड़की, हरिद्वार, सहारनपुर, मथुरा, आगरा, गोरखपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, कोटद्वार समेत विभिन्न रूटों पर बसें संचालित की जाएंगी। लोकल रूट पर भी बसों के फेरों की संख्या बढ़ाई जाएगी।


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