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Truth of smart city : झूलते तारों में दौड़ रहा 'मौत' का करंट Aligarh News

लापरवाही से अव्यवस्थाएं इस कदर हावी हैं कि बदल पाना मुश्किल है। ऐसी जर्जर लाइनें शहर के हर हिस्से में झूलती मिल जाएंगी जिनमें मौत करंट बनकर दौड़ रही है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 01:05 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 01:51 PM (IST)
Truth of smart city : झूलते तारों में दौड़ रहा 'मौत' का करंट Aligarh News
Truth of smart city : झूलते तारों में दौड़ रहा 'मौत' का करंट Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। गढिय़ा एलमपुर में बुधवार को हाईटेंशन लाइन का तार टूटने से हुआ हादसा शहर में पहला नहीं था, न ही आखिरी। क्यूं कि विभागीय लापरवाही से अव्यवस्थाएं इस कदर हावी हैं कि बदल पाना मुश्किल है। ऐसी जर्जर लाइनें शहर के हर हिस्से में झूलती मिल जाएंगी, जिनमें मौत करंट बनकर दौड़ रही है। कब किसे झपट ले जाए, कहा नहीं जा सकता। इस पर न कोई जनप्रतिनिधि बोल रहा, न प्रशासन। किसी घर में मौत होने पर मुआवजा देने जरूर पहुंच जाते हैं, लेकिन व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कदम नहीं बढ़ाते।

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 सुविधाओं के नाम पर लाखों खर्च

जिले में सड़क पर निकलते ही हर पल सिर पर मौत मंडराती रहती है। बिजली के तार हादसों को दावत दे रहे हैं। हर माह सुविधाओं के नाम पर लाखों खर्च करने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत खोखला साबित हो रही है। शहर में घनी आबादी वाले ऊपर कोट, शाहजमाल, जीवनगढ़, नई बस्ती, मसूदाबाद आदि क्षेत्रों में बिजली के खंभों पर तारों का झुंड दिख जाएगा। जीवनगढ़ में तार काफी जर्जर हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। आए दिन तार टूटते भी हैं, लेकिन विभाग बदलवाने की बजाय जुड़वाकर इतिश्री कर लेता है। महावीरगंज, रेलवे रोड, जयगंज में आलम यह है कि आए दिन इन तारों से स्पार्किंग होती है। कई पोल भी गिरासू हैं। लेकिन विभागीय अधिकारी आंखें बंद किए हुए हैं।

हाईटेंशन लाइन के नीचे जाली

मानकों के अनुसार हर हाईटेंशन लाइन के नीचे तारों का जाल होना आवश्यक है, लेकिन जिले में कहीं नजर नहीं आता। यही वजह है लाइन टूटकर राहगीरों पर गिरती हैं। जीवनगढ़ क्षेत्र में दीवारों को छेदकर लाइन निकाली गई हैं।

जमीन पर रखे हैं ट्रांसफार्मर

लापरवाही यहां तक है कि ट्रांसफार्मर जमीन पर रखे हैं। जीवनगढ़ में गली-एक में दो ट्रांसफार्मर रखे हैं। यहां होकर आवाजाही भी है।बांस, बल्ली के सहारे आपूर्ति

देहात क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बांस, बल्ली पर चल रही है। नियमानुसार विद्युत पोल से अधिकतम तीस मीटर दूरी तक ही केबल खींचकर संयोजन दिया जा सकता है। जबकि सौ, डेढ़ सौ मीटर तक केबल खींच दी गई हैं। जो बिना सहारे के झूलने लगती हैं।

बारिश में हादसों की आशंका

बरसात के मौसम में झूलते तार और पोल से हादसों का खतरा बढ़ जाता है। पानी में करंट से पहले भी कई बार लोग हादसों के शिकार हो चुके हैं। गूलर रोड गली एक में करंट से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हुई थी।

लोगों की जुबानी

रामनगर के कुलदीप चौहान बताते हैं कि शहर में झूलते बिजली के तार आफत का सबब बन रहे हैं। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। पला रोड के रहने वाले मधुकर कौशिक का कहना है कि झूलते तारों से हादसों का डर बना रहता है। विद्युत विभाग को इसकी पहल करनी चाहिए।

अव्यवस्था दुरुस्त होगी

अधीक्षण अभियंता शहरी एसबी पॉल का कहना है कि शहर में तार झूलने, लटकने की कोई समस्या नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से ट्रांसफार्मर रखने में भी सावधानी बरती गई है। अगर कहीं अव्यवस्था है तो दुरुस्त कराई जाएगी।


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