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अलीगढ़ मुक्तिधाम के मार्ग में नाला बना मुसीबत, गंदगी से गुजरते हैं अर्थी ले जाने वाले शहरवासी

नौरंगाबाद इलाके में जिस नाले की नींव 2017 में रखी गई थी वह अब तक पूरा नहीं हो सका। मुक्तिधाम के मार्ग पर नाले को लेकर ऐसा विवाद खड़ा हुआ कि काम आगे जारी रखने की नगर निगम हिम्मत नहीं जुटा सका।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 08:11 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 08:11 AM (IST)
अलीगढ़ मुक्तिधाम के मार्ग में नाला बना मुसीबत, गंदगी से गुजरते हैं अर्थी ले जाने वाले शहरवासी
गंदगी जमा होने से बुरा हाल है। अर्थियां यहीं से होकर निकाली जा रही हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। नौरंगाबाद इलाके में जिस नाले की नींव 2017 में रखी गई थी, वह अब तक पूरा नहीं हो सका। मुक्तिधाम के मार्ग पर नाले को लेकर ऐसा विवाद खड़ा हुआ कि काम आगे जारी रखने की नगर निगम हिम्मत नहीं जुटा सका। दो माह से निर्माण कार्य बंद है। सरिया व निर्माण सामग्री कर्मचारी उठा ले गए। अफसर भी 25 मीटर शेष हिस्से में निर्माण कराने को तैयार नहीं है। गंदगी जमा होने से बुरा हाल है। अर्थियां यहीं से होकर निकाली जा रही हैं।

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निर्माण कार्य शुरू हुआ तो रेलवे ने आपत्ति कर दी
गांधीपार्क क्षेत्र में छर्रा अड्डे से रेलवे लाइन के सहारे करीब 250 मीटर नाले का टेंडर 2017 में हुआ था। निर्माण कार्य शुरू हुआ तो रेलवे ने आपत्ति कर दी। रेलवे की संपत्ति पर अतिक्रमण का आरोप नगर निगम पर लगा। तब मुकदमा भी दर्ज हुआ था। एक निगम कर्मी को जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद रेलवे से सामंजस्य बनाने के प्रयास शुरू हुए। बीते साल तक 230 मीटर नाले का निर्माण करा दिया गया। 25 मीटर नाला शेष था, जो भुर्जी मरघट की दीवार के सहारे बनना था। निर्माण विभाग ने खोदाई कराकर सरिया का जाल बिछा दिया। तभी कुछ लोगों ने यह कहते हुए आपत्ति कर दी कि नाला निर्माण से सड़क की चौड़ाई कम हो जाएगी। मरघट की दीवार छह मीटर पीछे कर नाला बनाने की मांग होने लगी। इसके लिए मरघट की देखरेख कर रहे कायस्थ भुर्जियान बगीची एवं मरघट ट्रस्ट के पदाधिकारी तैयार नहीं हुए। विवाद गहरा गया। कर्मचारियों से मारपीट तक हो गई। नवंबर में काम बंद कर कर्मचारी सरिया व निर्माण सामग्री लेकर चले गए।
 
मरघट के बाहर गंदगी का जमावड़ा
नाला न बनने से मरघट के बाहर बदहाल हालत हैं। गंदा पानी, कीचड़ जमा है। लोगों ने बताया कि मरघट में अर्थियां लाना भी भारी पड़ जाता है। आसपास के इलाकों का पानी यहीं जमा हो रहा है।
 
नाला निर्माण हो रहा था, जो कुछ लोगों के दवाब में आकर रोक दिया है। दो माह से निर्माण कार्य बंद है। मरघट के बाहर हालत बदहाल हैं। लखनऊ तक शिकायत कर चुके हैं।
अशोक कुमार कोषाध्यक्ष, कायस्थ भुर्जियान बगीची एवं मरघट ट्रस्ट
 
मरघट के बाहर नाला निर्माण की जरूरत ही नहीं है। निर्माण रुकवा दिया गया है।
अशोक भाटी अधिशासी अभियंता निर्माण विभाग, नगर निगम

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